कला एवं संस्कृति
दीवाली का महत्व
दीवाली सनातनियों का एक महान पर्व है | इसे मनाने के बहुत से कारण हैं | इस दिन भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटे थे | इसलिए भगवान राम के आने की खुशी में वहाँ की प्रजा ने दीप जला कर उनका स्वागत किया था | प्रकाश का पर्व भी कहते हैं क्योंकि ये प...
Read Moreपीयूष गोयल ने दर्पण छवि में लिखी पुस्तकें.
दुनिया में एक से एक कलाकार मौजूद है जिनकी प्रतिभा देखकर लोग चमत्कार समझने लगते है। ऐसे ही एक कलाकार ने पांच तरह की पुस्तकों को लिखकर चौका दिया है। लेखक पीयूष गोयल ने उल्टे अक्षरों में गीता, सुई से मधुशाला, मेंहंदी से गीतांजलि, कार्बन पेपर से पंचतंत्र के साथ ही कील से पीयूष वाणी लिख डाली। पीयूष की इन किताबों को देखकर हर कोई हतप्रभ है।कला और दक्षता की कोई सीमा नहीं होती.
Read Moreकहां गए वो दिन पुराने, वो दिन सुहाने
बच्चों में चर्चा होने लगती थी कि अब होली आने में 10 दिन बाकि है तो, कोई बच्चा अंगुली पर गिनकर बताता कि नहीं अब सिर्फ 8 दिन ही बचे हुए हैं। बच्चे शाम होते ही सनकोई (एक पौधा का सूखा डंठल जिससे सुतरी बनाया जाता है) जमा करने लगते, कोई साइकिल की पुरानी टायरों
Read Moreहोली की मस्ती
लगाओ रंग गुलाल संग प्यार, रिश्तों में लाए सदा ऐतबार, प्रेम का संदेश लेकर, झूमे गली और बस्ती,
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