बाल साहित्य

       21-10-2022

बाल कहानी-चतुर और स्वार्थी लोमड़ी

एक घने जंगल में बहुत से पशु-पक्षी रहते थे। जंगल बहुत खूबसूरत था। हरे-भरे पेड़-पौधे जंगल की खूबसूरती की वजह थे। जंगल के बीचों-बीच में एक तालाब भी था। वह तालाब फूल-पत्तियों से भरा था। आस-पास के पेड़ों की पत्तियाँ और फूल तालाब के जल में भरे पड़े थे। यही इनकी

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       14-10-2022

बाल कहानी-अंकित

अंकित कक्षा आठ में पढ़ता था। अंकित पढ़ने में बहुत अच्छा था, परंतु विद्यालय कभी-कभी ही जाता है। इसका कारण यह है कि वह अक्सर अपनी नानी के यहाँ चला जाता था। नानी का घर भी पास के गाँव में ही था, पर फिर भी अंकित जब भी नानी के यहाँ रुकता था तो विद्यालय नहीं जा...

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       10-10-2022

बाल कहानी- बाल विवाह

एक प्यारा सा गाँव था। उस गाँव में एक किसान रहता था। उसकी दो बेटियाँ थी- मुन्नी और तन्नी। दोनों बेटियाँ घर के पास ही प्राइमरी विद्यालय में पढ़ती थीं। मुन्नी कक्षा 5 और तन्नी कक्षा 4 मे थी। मुन्नी और तन्नी हमेशा समय से साथ-साथ विद्यालय जाती थी। दोनों पढ़ने..

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       08-10-2022

बाल कहानी-बगीचा

रोज सुबह-सुबह पानी देता था। उसका प्रतिदिन का यही काम था। एक दिन करन ने पौधों को पानी नहीं दिया। सोचा, एक दिन अगर पेड़-पौधो को पानी नही दिया तो कुछ नहीं होगा। रोज ही तो देता हूँ। यह सोच कर वह आराम से बैठ कर खेलने में व्यस्त हो गया। कुछ समय बाद करन की अम..

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       07-10-2022

बाल कहानी- रोहित

रोहित अपने पिताजी से कहता है कि,"पिताजी मेरा मन बिस्किट खाने का है, आप मुझे पैसे दे दीजिए। मैं अपने लिए और छोटी बहन के लिए बिस्किट लाना चाहता हूँ।" रोहित के पिताजी ने रोहित को दस रुपये दिये और कहा कि,"दो पैकेट बिस्किट ले आओ। एक तुम ले लेना। एक अपनी..

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       01-10-2022

बाल कहानी चिड़िया और चीटियां

एक प्यारा सा जंगल था। उस जंगल में कई तरह के हरे-भरे पेड़ लगे थे। रंग-बिरंगे फूल जंगल की शोभा बढ़ाते थे। फल वाले पेड़ भी बहुत सारे थे। कई जानवर फल भी बहुत चाव से खाते थे। उस जंगल में एक तालाब भी था। सभी जानवर उसी जंगल में पानी पीते थे। तालाब के पास एक बड़ा

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       19-05-2022

पचपन की उम्र का ये बचपन

पचपन की उम्र में भी बचपन लेता हैं अंगड़ाइयां जिधर,भागता हैं ये मन ये! लडप्पन भी सैर सपाटा करने में उधर ही हो जाता हैं मगन । भरी बरसात में,कागज की नाव पानी के बहाव संग ये बहता हैं ये,बचपन ही हैं साहिब जो,बेफिक्री से मौज की लहरों संग खुद को...

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