कविता/दोहा

       28-04-2024

समसामयिक दोहे

समसामयिक दोहे, षड्यंत्र कि बात नही कहते सब सत्य निर्भय प्रजा जन सत्यार्थ लोक तंत्र।। 2- टांग खींचना परस्पर जन हित कि रार साथ खड़े मंच पर स्वांग प्रपंच कि बात।। 3- रैली रेला हुंकार बढ़ा चुनावी ताप विजय मान मैदान में जैसे हो निःष्पाप।। 4- जीवन..

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       13-01-2024

करती ही क्या हो?

सुबह सुबह सफाई, बर्तन, नाश्ता, तुम्हारा टिफिन, बच्चों का टिफिन, तैयार करते करते, खुद नाश्ता करना भूल गई। और तुम कहते हो, तुम करती ही क्या हो? सोचा था दोपहर में, थोड़ा आराम करूंगी। पर तुम्हारे कुछ रिश्तेदार आ गए, वो किसी चीज की शिकायत ना करे...

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       10-11-2023

मां ने कुछ नहीं सिखाया

आज सब्जी में नमक अधिक हो गया, ससुर जी ने कहा, मां ने कुछ नहीं सिखाया। रोटियां थोड़ी टेढ़ी - मेढ़ी थी, सास ने कहा, मां ने कुछ नहीं सिखाया। जल्दी - जल्दी में, टिफिन पैक करना भूल गई, पति ने कहा, मां ने कुछ नहीं सिखाया। ननद का मेक-अप थोड़ा...

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       05-10-2023

थक गई हूं।

थक गई हूं। लड़की हूं इस अपराध की सजा भुगतते-भुगतते, जमाने के ताने सुनते-सुनते, थक गई हूं। अपने लक्ष्य के लिए लड़ते, उसे पूरा करते। थक गई हूं। अपनी निर्दोषिता प्रमाणित करते-करते। अपनी सफाई देते देते। थक गई हूं। अपने परिवार के लिए लड़ते-लड़ते..

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       19-09-2023

सुकून जिंदगी की

इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग कैसे पैसा कमाने के लिए निकल पड़ते हैं सिर्फ अपने परिवार और खुद भरण पोषण के लिए। भागदौड़ भरी जिंदगी में, हर कोई चाहता तलाश सुकून की। थोड़ा आराम कर चल पड़ते, यही तो दस्तूर है जिंदगी की।।

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       27-05-2023

Book article

इस किताब में प्यार और ज़िंदगी पर निर्भर छवि को पूर्ण एहसास से कविताओं के ज़रिये बहुत कोमल और प्यारी कहानियों से सज़ाई है, ये कार्य बांग्लादेश में रहने वाली हिन्दी साहित्य से बहुत गहरा लगाव रखने वाली और कला के क्षेत्र में अपनी रचनाओं से लोगों तक अपने एहसा..

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       06-05-2023

एक थी राजकुमारी

राजकुमार और राजकुमारी की अमर प्रेम कहानी पर लिखी एक छोटी सी कविता।

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       24-03-2023

चिराग जलाना छोड़ दिया..

चिराग़ जलाना छोड़ दिया..! सुना है..तुमने मुस्कुराना छोड़ दिया है.. आजकल गमों से नाता जोड़ लिया है.! जुदाई का दर्द,इस कदर लगाया सीने में.. तुम ने तो गुनगुनाना ही छोड़ दिया है!! तुम्हें तो पसंद थी,महफिलों की रौनक.. आजकल..

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       04-03-2023

होली आई

होली पर छोटी सी कविता लिखी है ।आया होली का त्योहार, उड़े है चारो तरफ गुलाल। सबके चेहरे हुए है लाल, आया होली का त्योहार। रंगो की धूम मची है, बच्चों की टोली चली है। हाथो मे लिए रंगीन गुब्बारे, रंगों से सबके रंग दो गाल। आया होली का त्योहार...

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       01-03-2023

वाह री किस्मत

किस्मत पर लिखी एक छोटी कविता है. पल मे बना देते है राजा, और राजा को बना दे रंक। जिंदगी के होते है अजीब से ढंग, किसी को नहीं खाने को, और किसी की तिजोरी में पड़ा है करोड़ों धन। कोई सोने को तरसे है, किसी को मखमल पर भी ना मिले चैन। किस्मत के खेल अजीब, अजीब..

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       11-02-2023

माँ

दुनिया मे सबसे प्यारी होती है माँ, जिसके आँखों का हम तारा है, वो होती है माँ। जिसका होता है राज दुलारा बेटा, वो होती है माँ। आदमी को इंसान बना देती है, वो मकान को भी घर बना देती है। गुस्सा हो तो दुर्गा बन जाती है, वर्ना कोमलता का पाठ हमे पढ़ाती है। ज..

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       10-02-2023

हमारी श्रद्धांजलि

पिछले कुछ दिनों से मेरे मन में एक डर सा समाया रहता था, पर उसका आशय क्या है बस! यही समझ नहीं आ रहा था। पर आज सामने आ गया जब मेरे सिर पर अपनी अनवरत सुरक्षा छाया देने ......

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       10-02-2023

आज मैं एक प्रण ले रहा हूं

आज मैं एक प्रण ले रहा हूं अपनी सारी दौलत अपने साथ स्वर्ग ले जाने का प्रण, जो आज तक किसी ने न किया वो मैं करके दिखाना चाहता हूं। सीधा सरल फार्मूला है

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       10-02-2023

ऐसा ही तो जीवन है

न हवा चली,न धरा हिली न आँधी न तूफान ही आया न बिजली कड़की, न ही ज्वालामुखी फटा और न ही वारिश ही हुई न ही बादल फटना तब क्यों गिर गया अचानक

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       10-02-2023

धूप छांव

जो समझ में नहीं आता, ये जिंदगी की बगलगीर है क्या इतना पढ़ना भी नहीं आता? ज़िन्दगी में खुश रहना

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       31-01-2023

हाय गरीबी

गरीबी पर लिखी एक छोटी कविता

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       13-01-2023

Article

एक बेटी की बचपन और पहचान कितनी खूबसूरत होती है, उसके हर सपने हर जरुरते एक माता पिता हर हाल में पूरी करते हैं, ये सब छोड़ के एक बेटी कितनी सारी उमंगे दिल में लिए ससुराल जाती है,...............................

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       13-01-2023

लोहड़ी पर्व

सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरण संरक्षिका, कवियित्री, राष्ट्रीय हिन्दू संगठन वीरांगना प्रकोष्ठ की अध्यक्ष, उपलब्धि :स्वामी विवेकानंद सम्मान, समाज रत्न सम्मान, राष्ट्रीय बलिका दिवस सम्मान,अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण वैरियर एवार्ड आदि

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       10-01-2023

हिंदी

अंतर्मन अभिव्यक्ति है हृदय भाव कि धारा है पल प्रहर बहने और निखरने दो हिंदी तो अपनी बोली है इसे जन जन मन से ही निकलने दो।। पग अवनी के साथ मां हिंदी जैसी आत्म साथ ममता जननी जैसी है।। रुदन और मुस्कान वात्सल्य का स्नेह नेह जन्म जीवन...

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       10-01-2023

शुभारंभ है

शुभारम्भ है शुभारम्भ है लुका छिपी सूरज की बहुत ठंड है।। शुभारम्भ है शुभारम्भ है शहरों गलियों फुटपाथों पर सोया भूखा जीवन ठिठुर ठिठुर कर तंग है।। शुभारम्भ है शुभारम्भ है भोर कोहरे कि चादर ओढ़े आकाश शीत लहर है।। शुभारम्भ है शुभारम्भ है किस..

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       06-01-2023

मुस्कुराते चेहरे

युवाओं के लिए अपने लेख प्रस्तुत करने का यह एक सुअवसर है। धन्यवाद!

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       03-01-2023

अटल बिहारी वाजपेयी

जय माँ शारदे नमन मंच दिनांक- 25/12/22 अटल बिहारी वाजपेयी भारत माँ के लाल थे, अटल सपूत महान| मधुर बड़ी मुस्कान थी, जन -मन के अभिमान || मीठे उनके बोल थे, चम- चम चमके भाल ~ कविताओं में जान थी, करें जगत गुणगान || अटल बिहारी लाल के, बड़े सुघड़ थे काम क..

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       31-12-2022

नव वर्ष की मंगल कामनाएं

बीत रहा है वर्ष यह, कृपा करो रघुराज । मंगलमय नववर्ष हो, पूरण हो हर काज ।। सुख-समृद्धि, यश-कीर्ति मिले, चहुं दिश हो यश गान। मंगल नूतन वर्ष हो, मिले मान सम्मान ।। कृपादृष्टि राखो प्रभु,दो अनुपम उपहार । कर्म परायण से मिले, खुशियों का..........

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       18-12-2022

आंगन में बिछी..चारपाई!🍁

अगर आपकी उम्र पचास की है.. तो आप बहुत नसीबवान हो, "आंगन में बिछी उस चारपाई" की.. आप आख़री चश्मदीद पहचान हो। उस चारपाई पे दादाजी को आपने आंगन में हुक्का भरते देखा होगा, हुक्के की चिलम से उठता धुंआ.. और गुड़गुड़ाहट को सुना...

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       17-12-2022

आंगन में बिछी..चारपाई!🍁

अगर आपकी उम्र पचास की है.. तो आप बहुत नसीबवान हो, "आंगन में बिछी उस चारपाई" की.. आप आख़री चश्मदीद पहचान हो। उस चारपाई पे दादाजी को आपने आंगन में हुक्का भरते देखा होगा, हुक्के की चिलम से उठता धुंआ.. और गुड़गुड़ाहट को सुना हो..

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