बाल साहित्य
सबका प्यारा - अपना राजू
एक दिन एक लड़का जिसका नाम था राजू, वो घर पर अकेले में खेल रहा था। गर्मी का दिन था, बाहर लू चल रहा था। राजू बार बार घर से बाहर खेलने की जिद कर रहा था। राजू की मम्मी उसे बाहर जाने से मना कर रही थी, लेकिन राजू बाहर खेलने का जिद कर रहा था। राजू बाहर जाने के ल
Read Moreमंटू और चिड़ियाँ
बारिश का दिन था। सब तरफ हरा-भरा खूबसूरत नज़ारा था। मंटू खिड़की के पास चुपचाप बैठा बाहर की ओर देख रहा था कि कैसे बारिश बन्द हो और वह दोस्तों के साथ बाहर खेलने जाये। अचानक उसकी नज़र आँगन की तरफ़ पड़ी। उसे कुछ गिरने की आवाज़ सुनायी दी। मंटू आँगन की तरफ़ दौड़क...
Read Moreगर्मी की छुट्टी
गर्मी की छुट्टी सिर्फ बच्चों के लिए नहीं होती है। इसकी प्रतीक्षा सभी करते हैं। बच्चे,उनके शिक्षक, उनकी मां सभी लोग करते हैं। गर्मी की छुट्टी में सारा परिवार एक साथ होता है। बहन, बेटियां और बुआ लोग अपने अपने मायके आती हैं। जो बच्चे हॉस्टल या बाहर रह कर...
Read Moreबाल कहानी-अधूरा सपना
बात उन दिनों की है, जब मैं बहुत छोटा था। मैं तकरीबन बारह साल का था। मैं उस समय कक्षा सात का छात्र था। मुझे अच्छी तरह से याद है। घर के पास ही एक प्राइमरी स्कूल था, जिसमें मेरा छोटा भाई कक्षा पाँच और छोटी बहन कक्षा तीन में पढ़ती थी।उसके कुछ ही दूरी पर उच...
Read Moreबाल कहानी- शरारत
गोलू कक्षा सात का छात्र है। वह पढ़ने में बहुत होशियार है। मेहनत से पढ़ना-लिखना गोलू की आदत में शुमार है। वैसे तो उसमें सारी खूबियाँ हैं लेकिन शरारत में भी गोलू नंबर वन है। वह जब भी स्कूल, घर, बाज़ार या कहीं पर भी जाता है, तो रास्ते में सड़क पर अक्सर कोई...
Read Moreबाल कहानी- डर
प्राथमिक विद्यालय में पूजा नाम की होनहार छात्रा कक्षा पाँच में पढ़ती थी। वह पढ़ने लिखने में अच्छी थी, परन्तु उसकी एक बहुत बड़ी कमी थी, वह प्रतियोगिता के नाम पर परेशान हो जाती थी। पूजा वैसे तो विद्यालय में अनुपस्थित नहीं रहती थी,परन्तु टेस्ट या प्रतियोगिता...
Read Moreसुपर मैंन के साथ मकर संक्रांति
आज मकर संक्रांति है। बहुत दिनों से मुझे इसी दिन का तो इंतजार था। क्योंकि आज के दिन जितना मर्जी पतंग उड़ाओ कोई कुछ नहीं कहता है। बाकी दिन तो जरा सा पतंग लेके छत पर क्या आओ। सब बोलने लगते है, चलो नीचे। पढ़ाई करो । पतंग नहीं उड़ाना है। चलो जल्दी। मगर आज एसा
Read Moreदांत मे कीड़ों की पार्टी
एक छोटे बच्चे के दांत मे कीड़े लग जाते है। क्योंकि वो चॉकलेट बहुत खाता था और कुल्ला भी नहीं करता था। फिर उसकी मम्मी उसे डॉक्टर के पास ले जाती है। डॉक्टर उसे दवाइयां देते है और चॉकलेट कम खाने को कहते है ।
Read Moreबाल कहानी- प्रिया
प्रिया एक चंचल लड़की थी। एक दिन प्रिया अपनी सहेलियों के साथ खेल रही थी। अचानक प्रिया की नज़र जमीन पर पड़ी अँगूठी पर पड़ी। प्रिया ने अँगूठी उठाकर पास के मैदान में फेंक दी, बिना पूछें कि ये अँगूठी किसकी है? कुछ देर बाद प्रिया की सहेली ज्योति की अम्मी आयी और..
Read Moreबाल कहानी- सुन्दर संदेश
शनि-,"मुझे याद है, जब मैं पिछली बार छुट्टियों में दादी के घर गया था तब दादी ने मुझे बहुत अच्छी-अच्छी कहानियाँ सुनायी थीं। इस बार भी मैं छुट्टियों में अम्मी-पापा के साथ दादी से मिलने जाऊँगा।" राहुल-,"हाँ.. हाँ.. (हँसते हुए) तुमने क्या कहा? फिर से कहो..
Read Moreबाल कहानी- टीना और तोता
टीना अपने पापा के साथ मार्केट गयी थी। वहीं पर उसे पिंजड़े में कैद तोता दिखायी दिया। टीना ने पापा से कहकर तोता पिंजड़े के साथ ले लिया और घर ले आयी। घर लाकर टीना तोते के साथ ही खेलने-कूदने लगी। तोता भी टीना के साथ खूब हिल-मिल गया। टीना तोता को मन-पसंद...
Read Moreबाल कहानी-वादा
आम के पेड़ पर एक चिड़िया अपने दो बच्चों के साथ रहती थी। बच्चे अभी काफी छोटे थे इसलिए चिड़िया जब दाने की तलाश में दूर जाती तो बच्चों को समझा-बुझाकर पेड़ पर ही रहने की सलाह देती थी, पर बच्चे बहुत शरारती थे। वे अभी उड़ना नहीं जानते थे, पर फुदक-फुदककर कूदते-उल...
Read Moreहम सब बच्चे
मन चंचल, वाणी प्रियस्वादु, मनहर रूप, दिल के सच्चे हैं । आभा आलोकित मुखमंडल है, हम बच्चे सबसे अच्छे हैं ।। निश्छल, निर्मल पावन मन है, चंद्रलोक संसार हमारा । धवल चांदनी सा जीवन है, उज्ज्वल कान्तिमय नूर हमारा ।। छल पाखंड रहित मन मेरा, अधर पर है...
Read Moreबाल कहानी-प्यारे चाचा
गोपाल स्कूल से जैसे ही घर आया, उसने देखा कि घर के पास साइकिल खड़ी है। साइकिल देखकर गोपाल समझ गया कि चाचा जी आये हैं। साइकिल देखकर गोपाल का मन ललचाया। गोपाल को साइकिल चलाना अच्छा लगता था, पर गोपाल साइकिल नहीं चला पाता था। चाचा की साइकिल देखकर गोपाल का म..
Read Moreबाल कहानी- गणतंत्र दिवस
आज गणतंत्र दिवस है। रेशमी और नानी आपस में बातें कर रही हैं। रेशमी- "आज गणतंत्र दिवस है। नानी मुझे तैयार कर दो, आज मुझे विद्यालय में लड्डू मिलेगा।" नानी- "ठीक है, आती हूँ, बिटिया! इतना शोर क्यों मचा रही हो?" रेशमी-"बहुत देर हो गयी है, नानी! ज...
Read Moreबाल कहानी-वियोग की पीड़ा
सोनू और मोनू आपस में बात करते हैं। सोनू-"आज स्कूल में बहुत मजा आया।" मोनू-"हाँ! मुझे भी आज बहुत अच्छा लगा। मेरा सब काम भी पूरा हो गया।बस! घर पहुँचकर थोड़ा अभ्यास करना है।" सोनू-"ये पेड़ पर चीं-चीं की आवाज़ कैसी आ रही है?" मोनू-"चलो! पास जाकर देखते...
Read Moreबाल कहानी- पूजा और राधा
बात उन दिनों की है, जब गाँव में मेला लगा था। मेले में तरह-तरह की दुकानें सजी थी। कई प्रकार के झूले मेले की शोभा बढ़ा रहे थे। मिठाईयों की दुकानें भी लगी थी। राधा अपने बड़े भाई राकेश के साथ मेला देखने गयी थी। राधा को झूला झूलना बहुत पसंद था। राधा ने मन-पसं..
Read Moreबाल कहानी-सच
राजू- ये बताओ राकेश! आज बहुत दिनों के बाद हम दोनों विद्यालय जा रहे हैं। क्या तुमने होमवर्क किया है? राकेश- हां राजू! मैने होमवर्क कर लिया है। तुम अपनी बताओ मित्र! क्या तुमने होमवर्क किया या पिछली बार की तरह इस बार भी कोई बहाना बनाओगे? राजू- मैं कर ले...
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