राष्ट्र हित/देश भक्ति

झांसी की रानी..

बनारस में 1828 में,एक बच्ची का जन्म हुआ, मणिकर्णिका नाम था पर,मनु नाम प्रचलित हुआ। अति सुंदर,चंचल,चप्पल थी वो, गुण सब को लुभाते थे, इसी अदाके चलते लोग उसे, "छबीली"कह बुलाते थे। माता के देहांत के बाद, पापा ने उसे पाला था, संस्कार,युद्धकला,साहस के,स...

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तिरंगे में लिपटा आऊंगा..🇮🇳

रोको ना मुझको.. मुझे जाने दो मां, देखो...धरती मां पुकार रही है.. दुश्मन के...जुल्मों सितम से देखो, मां भारती कैसे...कराह रही है! वादा किया है ... रक्षा करने का.. उस कसम का..मान निभाना है, मार के दुश्मन...

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आज़ादी की ढलती शाम...एक दर्द!

गुरदासपुर (पंजाब) के एक व्यस्त चौराहे पर,इस वक्त वीरानी छाई हुई थी।चारों ओर फूल, कागज़,बांटी हुई मिठाइयों के डिब्बों के टुकड़े बिखरे पड़े थे। क्योंकि यहीं पर आज "स्वतंत्रता दिवस का ध्वजारोहण" और अमृतोत्सव मनाया गया था। रात के 9:00 बज चुके थे...

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क्या..आज़ादी ऐसी होती है.!!

15 अगस्त के दिन.. झंडारोहण हो रहा था.. हर जन,आज़ादी की खुशी में.. मानो इसके खो रहा था! पास में कुछ लाचार गरीबों को, जब खड़े देखा मैंने.. कोतुहल बस एक बुजुर्ग को.. जा कर यूं ही पूछा मैंने। "वाह दादा" ब...

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आजादी के 75 वर्ष और युवाओं का दायित्वबोध

जादी का उत्सव के रूप में 'अमृत महोत्सव' का आयोजन ने देश के प्रति समर्पण-भाव के उभार में चार चांद लगाया है। ऐसे भव्य एवं उद्देश्यपूर्ण आयोजन से न केवल आजादी के दीवानों का स्मरण ताजा हुआ है, अपितु आजादी की महत्ता को घर-घर में पुनर्स्थापित करने में भी बल...

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आजादी के दीवानों को..याद रखना!

आजादी के जश्न में खोकर.. उनकी शहादत..भुला ना देना, वीरों की,देश प्रेम की ज्वाला को.. कभी दिल से..बुझा ना देना.! इनके ख़ून से सनी,इस मिट्टी को.. अपने मस्तक से ... लगा लेना, अर्पण कर... पुष्पों को इनके.. चरणों में... शीश...

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राष्ट्र ध्वज के संदर्भ में रोचक जानकारी

वर्ष 1857के स्वतंत्रता संग्राम के समय भारत राष्ट्रध्वज बनाने की योजना बनी थी,लेकिन वह आंदोलन असमय ही समाप्त हो गया।राष्ट्रध्वज को वर्तमान स्वरूप मिलने के पहले यह प्रक्रिया कई चरणों से गुजरी।कुछ ऐतिहासिक पड़ाव इस प्रकार हैं :- प्रथम ध्वज 1904 में...

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जंग 1971 की..

इस नारे को,भारतीय वीरों ने, तब सच कर दिखाया था..., जब... 1971 की जंग में, दुश्मन को धूल चटाया था। लोंगे वाला की पोस्ट पे डटे, सिख रेजीमेंट के जवान थे वो, पाक सेना के लश्कर से अनभिज्ञ, बिल्कुल ही अनजान थे वो। एकसौ बीस की....

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डॉ. हीरा लाल IAS द्वारा लिखित अद्भुत पुस्तक Dynamic डी. एम. पठन के संदर्भ में सूचना।

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से साधारण एवं मध्यमस्तरीय परिवार से निकलकर IAS बने एवं उमंग उत्साह एवं लीक से अलग हटकर लोक मंगल हित में कुछ कर गुजरने की जज्बा को साकार पथप्रदर्शक करने वाले असाधारण प्रतिभा के धनी श्री डॉ. हीरा लाल पूरे भारतवर्ष में मॉडल...

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विश्वगुरु

बट रहा है मेरा भरतखंड जाति,धर्म, भाषा,वर्ग के भेद में क्यू है छाया अंधकार का साया संस्कृति और मानवियता प्रधान राष्ट्र में। भिन्न भाषा, भिन्न जाति फिर भी भारत एक है भारत मां की ममता में क्या बच्चों में भेद है??

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वीरों की गौरवगाथा

इतना क्यों चिल्लाते हो । संशय कर के शूरवीरों पर राजनीति चमकाते हो ।। मांग रहे सबूत भला क्यों यह कैसी परिपाटी है । दुश्मन की उठती पीड़ा पर तड़प रही क्यों छाती है ।। शौर्य पराक्रम से जो लड़ते उनको तुमको मान नहीं है ।

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शहीदे आजम: सरदार भगत सिंह

सिंह गर्जना थी तुम में साहस अदम्य, बल पौरुष था । मां भारती के अमर पुत्र बुद्धि विवेक अपर बल था ।।

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कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार देश हित में।

किसी भी देश के सरकार द्वारा लोक कल्याणकारी योजनाओं के संचालन, क्रियान्वयन का मुख्य जिम्मेदारी बिभिन्न प्रकार के श्रेणीगत कर्मचारियों का होता है। कर्मचारियों के बीच....

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