21-01-2023

कितना अजीब हैं ना

।। कितना अजीब हैं ना ।।

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नृत्य ने मेरी जिन्दगी बदल दी

अगर मन मे कुछ करने की चाहत हो तो कोई भी अपनी जिंदगी बदल सकता है। एक छोटे से गांव आलम पुर मे सिया नाम की एक प्यारी सी लड़की रहती थी। पांच बहनो और दो भाइयों मे सिया तीसरे नंबर पर थी। सिया को बचपन से ही डांस करने का बहुत शौक था। जब वो छोटी थी तो वो ठुमक...

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पटेबाज़

आदिवासी परिवार के युवा के जीवन संघर्ष कि प्रेरक प्रस्तुति। पहलवान शिव हरे इलाके के मशहूर पहलवानों में शुमार थे उनके पहलवान बनने में भी अजीब बात लोंगो के बीच प्रचलित थी शिव हरे वास्तव में आदिवासी समाज मे जन्मे थे। जब माँ कि कोख में थे तब ही उनके साथ...

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गर्भावस्था में सीढ़ी चढ़ना - सुरक्षित या असुरक्षित

महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी का समय बहुत ही खास होता है। इस दौरान महिलाओं को अपने साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे का भी खास ध्यान रखना पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान दोस्त, पड़ोसी, रिश्तेदार और कई लोग महिलाओं को पॉजिटिव रहने की सलाह देते हैं। सिर्फ इतना ही नह

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       18-01-2023

*अखबार वाला*

एक छोटे बच्चे को देखा और दिमाग में कुछ बातें दौड़ने लगी । अखबार में नाम छपवाने के लिए लोग क्या क्या नहीं करते हैं। अगर आप कुछ अच्छा करें और आपका नाम अखबार में नहीं आया तो बहुत से लोगों को तो पता ही नहीं चलता है।

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गर्भावस्था में होने वाली छोटी बीमारियां - लक्षण और समाधान।

गर्भावस्था के दौरान हार्मोन, जिनमे एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और प्रोलैक्टिन शामिल हैं, तेजी से बढ़ते हैं। यह गर्भ को बच्चे के विकास के लिए उपयुक्त वातावरण में बदल देता है। और उसी समय, इससे मां को असुविधा हो सकती है। इनमें से अधिकांश बदलाव सामान्य होते हैं।

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       16-01-2023

कृष्ण काव्य धारा एव हिंदी साहित्य

हिंदी साहित्य में कृष्ण काव्य धरा का महत्व।

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       16-01-2023

दुर्भाग्य

*दुर्भाग्य* मैं झारखंड हूं। धरती आबा का सपना, मरांग गोमके की सोच, शिबू सोरेन का आंदोलन, लालू यादव का हठ और इस राज्य में बसने वाले मेरे पुत्रों का दुर्भाग्य। मैं झारखंड हूं। अपने बारे में यही कह सकता हूं की *"मेरी तिजारत का हाल न पूछो,* *आइना बेचता हूं,

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भगवान श्री कृष्णा,महारथी कर्ण एव संत कबीर

भगवान श्री कृष्ण के निष्काम कर्मयोग उपदेश संत कबीर के निराकार उपासना एव कर्ण के काल आचरण कि व्यख्या। सूफी संत कबीर संत परम्परा के ऐसी कड़ी जो निराकार ब्रह्म को ब्रह्मांडीय कल्पना का सत्त्यार्थ बताते है जबकी उनकी मान्यताओं का आधार भगवत गीता का कर्म सिंद्ध..

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       15-01-2023

सुपर मैंन के साथ मकर संक्रांति

आज मकर संक्रांति है। बहुत दिनों से मुझे इसी दिन का तो इंतजार था। क्योंकि आज के दिन जितना मर्जी पतंग उड़ाओ कोई कुछ नहीं कहता है। बाकी दिन तो जरा सा पतंग लेके छत पर क्या आओ। सब बोलने लगते है, चलो नीचे। पढ़ाई करो । पतंग नहीं उड़ाना है। चलो जल्दी। मगर आज एसा

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       13-01-2023

Article

एक बेटी की बचपन और पहचान कितनी खूबसूरत होती है, उसके हर सपने हर जरुरते एक माता पिता हर हाल में पूरी करते हैं, ये सब छोड़ के एक बेटी कितनी सारी उमंगे दिल में लिए ससुराल जाती है,...............................

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       13-01-2023

दांत मे कीड़ों की पार्टी

एक छोटे बच्चे के दांत मे कीड़े लग जाते है। क्योंकि वो चॉकलेट बहुत खाता था और कुल्ला भी नहीं करता था। फिर उसकी मम्मी उसे डॉक्टर के पास ले जाती है। डॉक्टर उसे दवाइयां देते है और चॉकलेट कम खाने को कहते है ।

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नारी शक्ति के नौ रुपों कि आराधना नौरात एव वर्तमान भारत में नारी का यथार्त

किसी भी युग या समाज के अस्तित्व कि कल्पना ही नही की जा सकती है ब्रह्म भी बिना नारी शक्ति के अधूरा है यदि सनातन में ब्रह्मा ,विष्णु ,शंकर देव है तो सरस्वती,लक्ष्मी ,पार्वती त्रिदेवियों नारि शक्ति बिना देव शक्ति संतुलित नही होती चूंकि ब्रह्म सत्ता निर...

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       13-01-2023

लोहड़ी पर्व

सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरण संरक्षिका, कवियित्री, राष्ट्रीय हिन्दू संगठन वीरांगना प्रकोष्ठ की अध्यक्ष, उपलब्धि :स्वामी विवेकानंद सम्मान, समाज रत्न सम्मान, राष्ट्रीय बलिका दिवस सम्मान,अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण वैरियर एवार्ड आदि

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रिहायी कि इमारती

स्वतंत्रता किसी भी प्राणि का जन्म सिद्ध अधिकार है जिसे कभी छीना नहीं जा सकता हां कभी कभी प्राणि विशेष कर मनुष्य अपने अहंकार शक्ति दंभ के उत्कर्ष में एक दूसरे को परतंत्र अवश्य बनाते है कभी वर्चस्व के लिए कभी सर्वस्व के लिए युद्ध लड़ कर एक दूसरे को पर...

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       12-01-2023

नारी का स्वाभिमान, भारतीय परिधान

साड़ी एक भारतीय परिधान है। जो महिलाओं द्वारा पहना जाता है। साड़ी पहनने का चलन बहुत पुराना है। कैसे आरंभ हुआ? कहां से आया?किसने आरंभ किया?इन प्रश्नों का उत्तर ढूंढना अत्यंत कठिन है।साड़ी ही ऐसा परिधान है जिसमें कोई भी महिला चाहे वह भारतीय हो या फिर विदेशी...

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अंधविश्वास और अशिक्षा

क्या हुआ चाची😐?कहे इतना मुह लटकाये बैठी हो😐।कहो कोई बात है क्या ? अरे का बताऊ बेटवा🥺, हम तो लूट गई ,बर्बाद हो गई। 😭😭 अरे एसा ना कहो चाची😮,आपका बेटवा अभी जिंदा है🙁। बोलो का बात है😕। अरे बेटा,का बताई🥺। 2 महीने पहले कलूवा को बुखार हुआ रहा🥺। तो..

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       12-01-2023

बेटा नंबरी बाप सौ नंबरी। मासूम प्रेम पुजारी

ये मैं बड़ी आत्मीयता से बक सकता हूं की यदि हीर रांझा एक दूसरे से मिल गए होते तो हीर के साथ अगला नाम सोहनी के साथ होता और रांझा का महिवाल के साथ। मतलब साफ है की एक से दिल भरता कहां है। चाहे वो कोई भी हो। हम तो वो हैं जिन्हे सिर्फ एक भगवान पर नही बल्कि ....

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आवनी चेतना स्त्री नारी

साहित्यिक आंदोलन जिसमे स्त्री कि गरिमा महिमा मर्यादा के सापेक्ष एकात्म भाव से स्त्री साहित्य कि रचना कि जाती है जिसमें स्त्री अस्मिता के महत्वपूर्ण अवयव आयाम को संगठित रूप से प्रस्तुत किया जाता है अंग्रेजी में फेमनिज्म के रूप में जाना जाता है जो लिं..

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गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण

प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण माहवारी (पीरियड) न आना अक्‍सर गर्भावस्‍था के उन शुरूआती लक्षणों में से एक होता है जिस पर महिलाएं का सबसे पहले ध्‍यान जाता हैा हालांकि प्रेगनेंसी के और भी बहुत से लक्षण हैं जिन्‍हें आप पहचान सकती हैं। गर्भावस्‍था के ......

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       10-01-2023

हिंदी

अंतर्मन अभिव्यक्ति है हृदय भाव कि धारा है पल प्रहर बहने और निखरने दो हिंदी तो अपनी बोली है इसे जन जन मन से ही निकलने दो।। पग अवनी के साथ मां हिंदी जैसी आत्म साथ ममता जननी जैसी है।। रुदन और मुस्कान वात्सल्य का स्नेह नेह जन्म जीवन...

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       10-01-2023

शुभारंभ है

शुभारम्भ है शुभारम्भ है लुका छिपी सूरज की बहुत ठंड है।। शुभारम्भ है शुभारम्भ है शहरों गलियों फुटपाथों पर सोया भूखा जीवन ठिठुर ठिठुर कर तंग है।। शुभारम्भ है शुभारम्भ है भोर कोहरे कि चादर ओढ़े आकाश शीत लहर है।। शुभारम्भ है शुभारम्भ है किस..

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मातृ भाषा

अंतर्राष्ट्रीय विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान लिए अपनी मातृ भाषा का महिमा मंडन काव्य द्वारा प्रस्तुत है।

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       10-01-2023

शिकारी वर्सेज तेंदुआ

काहे जी सियार जैसा काहे रेंक रहा है ? हां! गए थे दिशा फिरे, रहड़ जरा भी चरमरा रहा था तो निकला हुआ भी सटक जा रहा था, साला ई तेंदुआ जे न करा दे, पूरा पाचन खराब हो गया है, कुछ डर से, आऊ कुछ समय से पेट नही खाली करने से। डरिए मत, नवाब साहेब आ गए हैं,......

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शीत ऋतु की विवशता

शीत लहर से कांपती धरा, मनुष्य, आदि की विवशता का वर्णन करती काव्य रचना

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