10-02-2023

ऐसा ही तो जीवन है

न हवा चली,न धरा हिली न आँधी न तूफान ही आया न बिजली कड़की, न ही ज्वालामुखी फटा और न ही वारिश ही हुई न ही बादल फटना तब क्यों गिर गया अचानक

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       10-02-2023

धूप छांव

जो समझ में नहीं आता, ये जिंदगी की बगलगीर है क्या इतना पढ़ना भी नहीं आता? ज़िन्दगी में खुश रहना

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भारत के गौरव

भारत के बीर सपूत भारत के अभिमान युवा युग प्रेरणा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एव गोरखपुर के महान स्वतंत्रता सेनानी बन्धु सिंह।

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व्यक्तित्व

तमिलनाड में समुद्र के किनारे रामेश्वरम यहां अत्यंत ही साधारण परिवार में पंद्रह अट्यूबर सन ऊँन्नीस सौ इकत्तीस को माँ भारती का स्वाभिमान और आधुनिक भारत की पहचान स्थापित करने वाले बालक का जन्म हुआ माँ बाप ने बड़े प्यार से इस नवजात का नाम रखा अबुल पकिर...

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       04-02-2023

भारत मे शिक्षा

शिक्षा का महत्व ----शिक्षा और समाज किसी भी राष्ट्र और उसमे निवास करने वाले समाज की भौतिकता और नैतिकता का निर्धारण उस राष्ट्र के शिक्षा स्तर पर ही निर्धारित किया जा सकता है ।।विकास और सामजिक उद्धान दोनों का मूल मानव संसाधन है जब तक संसाधन श्रोत पूर्णतः

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       04-02-2023

भारतीय रेल एव आजादी का अमृतमहोत्सव

भारत की आजादी के संघर्षो में एव आजादी के बाद भारतीय रेल के योग दान की कदापी अनदेखी नही की जा सकता भारतीय रेल चाहे भारतीय जन का चाहे आजादी का संघर्ष हो या आजादी के बाद स्वतंत्र राष्ट्र के विकास में योगदान हो भारतीय रेल की महत्वपूर्ण भूमिका है।भारत मे...

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महादेव की महिमा

बजेगे नगाड़े और सजेगा द्वार, हर तरफ होगा महादेव का जयकार। पार्वती अब दुल्हन बनेगी, बारातियों का होगा खूब सत्कार। लोग भी मिलकर जश्न उड़ायेगे , हम तुम मिलकर शिवरात्रि मनाएंगे। लाएगे भांग धतूरा बेलपत्र,

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       01-02-2023

आधुनिक भारत के निर्माण में कबीर दास का योगदान नामक पुस्तक का संस्कृत अनुवाद कार्य किया गया है।

विभिन्न संस्थाओं एवं विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय–अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में दर्जन से अधिक शोध- पत्रों का वाचन तथा 19 से अधिक शोध - पत्र कई पत्र (नवभारत टाईम्स, संस्कार, हरि रत्न आदि)- पत्रिकाओं में प्रकाशित। दर्जनों से अधिक पुरस्कार व ...

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       31-01-2023

हाय गरीबी

गरीबी पर लिखी एक छोटी कविता

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       31-01-2023

आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान

' आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीरदास का योगदान ' पुस्तक के लेखक साहित्यकार, समाजसेवी ,माननीय अभिषेक कुमार जी ने इस पुस्तक को लिखकर बहुत ही महत्वपूर्ण काम किया है और मैं खुद भी फख्र महसूस कर रहा हूं इस किताब का उर्दू भाषा में अनुवाद करने का परम सौ

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       31-01-2023

श्री मोबाइल कथा

श्रीहरि के वचन सुन नारद जी बोले कि उस मोबाइल में क्या होगा? और उसका प्रयोग क्या है? यह कौन कौन रखेगा ? इसमें क्या क्या होंगे? सभी कुछ विस्तार से बताएँ। नारद की बात सुनकर श्रीहरि बोले: दुख व शोक को दूर करने वाला यह सभी स्थानों पर आपको बुद्धिमान बनाने वाला

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       31-01-2023

आधुनिक भारत निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान, बांग्ला अनुवाद

आधुनिक भारत निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान

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       31-01-2023

आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर जी का योगदान

नाम :  दिपाली मिरेकर जन्म स्थान: सांगली (महाराष्ट्र) जन्म : 20/09/1993 पिता देवेंद्र जी समाज सेवी  और माता शांता जी  गृहिणी है। दीपाली जी कर्नाटक राज्य  विजयपुर के निवासी है।  जो वृति से अध्यापिका है और प्रस्तुत कर्नाटक राज्य अक्कमहादेवी महिला विश्व विद्

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       30-01-2023

भारत की स्वतंत्रता का अतीत एव वर्तमान

भारत अपनी आजादी के पचहत्तर वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है जिसके उपलक्ष में भारत सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर विशेष आयोजन किए जा रहे है जिसका उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को आजादी के सत्यार्थ एवं उद्देश्य से परिचित कराना है तो भविष्य के लिए एक शसक्त..

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भारत कि आजादी का अमृतमहोत्सव और गोरखपुर

गोरखपुर में आजादी के संघर्ष के दौरान बस्ती ,देवरिया, आजमगढ़ एव नेपाल के सीमावर्ती भाग समम्मिलित थे।वर्तमान में गोरखपुर, आजमगढ़ एव बस्ती अलग अलग मंडल मुख्यालय है ।आजमगढ़, में मऊ ,बलिया एव आजमगढ़ जनपद है तो बस्ती में सिद्धार्थ नगर ,संत कबीर नगर ,एव बस्ती जनपद..

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       30-01-2023

भारत कि स्वतंत्रता का अमृतमहोत्सव

गोरखपुर में आजादी के संघर्ष के दौरान बस्ती ,देवरिया, आजमगढ़ एव नेपाल के सीमावर्ती भाग समम्मिलित थे।वर्तमान में गोरखपुर, आजमगढ़ एव बस्ती अलग अलग मंडल मुख्यालय है ।आजमगढ़, में मऊ ,बलिया एव आजमगढ़ जनपद है तो बस्ती में सिद्धार्थ नगर ,संत कबीर नगर ,एव बस्ती जनपद..

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मानवता के प्रज्ज्वलित दीप स्तम्भ, महा दानवीर- श्री डॉ. इंद्रजीत शर्मा जी

श्री डॉ. इंद्र शर्मा जी का जन्म 01 अक्टूबर 1960 ई. को हुआ। अपने पिता स्व. पंडित तिलक राज शर्मा के पदचिह्नों का अनुगमन करते हुए सामाजिक, धार्मिक एवं उद्धारक व्यकितत्व की परिभाषा को परिपूर्ण कर एक मिसाल कायम की। आपके पिता श्री ने आप में संस्कार, सेवा भाव...

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सत्य, सौहार्द, आपसी एकता, प्रेम, भाईचारे के साक्षात प्रतिमूर्ति- श्री डॉ. (प्रो.) सौरभ पाण्डेय

इस दुनियाँ में जाती, धर्म, सम्प्रदाय के बीच दिन प्रतिदिन गहरी खाई बढ़ती ही चली जा रही है जिससे मानव होने का मानवीय संवेदना नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने जाती धर्म मजहब के परिसीमा में रहते हुए अपने ही कुनबे के किसी प्रणेता...

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       28-01-2023

पलायन - शौक या मजबूरी।

जब भी रुपए पैसे की जरूरत होती तो राष्ट्रवादी पार्टी और सेकुलर पार्टी में जिंदाबाद मुर्दाबाद करता, उसे दो चार रुपए की आमदनी हो जाती थी।

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भगवान वीरसा मुंडा

कौन कहता है क्रांति को चाहिये कारण और बहना ।। क्रांति तो धर्म ,कर्म ,कर्तब्य ,दायित्व बोध उत्साह उमंग का है तराना।। जज्बे का जूनून ,जज्बातों रिश्तो रीत,प्रीती परम्परा की अक्क्षुणता पर जीना मरना मिट जाना...

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गुरूकुल शिक्षा

प्रारंभिक शिक्षा का ऐसा केंद्र जहां विद्यार्थी अपने परिवार से दूर गुरु परिवार का आवश्यक हिस्सा बनकर शिक्षा प्राप्त करता था।। गुरुकुल में पढ़े विद्यार्थियों का बड़ा सम्मान होता था कुरुकुल कि स्थापना ऋषि एव वैदिक परम्पराओं के अंतर्गत होती थी।। गुरुकुल..

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बिटिया की शादी

दहेज प्रथा पर लिखी एक छोटी सी कहानी है। जिसमें एक गरीब बाप अपनी बेटी की शादी करना चाहता है लेकिन दहेज ना दे पाने के कारण शादी नही हो पाती । फिर भगवान कृष्ण सपने मे उसे दर्शन देते है और उनके आशीर्वाद से रामू बिना दहेज के अपनी बेटी की शादी कर पाता है।

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       21-01-2023

भारत और मीडिया

भारत मे मीडिया विकास को मुख्यतः तीन चरणों मे बिभक्त किया जा सकता है 1- पन्द्रहवी सोलहवीं सदी में ईसाई मिशनरियों का धार्मिक साहित्य प्रकाशन करने के लिए प्रिटिंग प्रेस कि स्थापना । 2-भारत का पहला अखबार बंगाल गजट 1780 में जेम्स आँगस्टन हिकी ने निकालना...

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तू मुझे अपना बेटा सा लगता हैं…

एक छोटी सी सूझबूझ …..३०-३५ साल के एक व्यापारी जिनके अपने कई काम थे, व्यापार में शहर में उनका नाम था. रोज़ाना नंगे पैर मंदिर जाना,मंदिर से वापिस लोटते हुए, मंदिर के बाहर बैठे माँगने वालों को रोज़ाना एक-एक रुपया देकर जाना ये उनका रोज़ाना का नियम था.एक दिन जैसे ही वो बाहर निकले एक ग़रीब ६० साल की वृद्ध महिला जो अक्सर वही बैठी रहती थी और सेठ एक रुपया देकर चले जाते थे.

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