गुरु जी बस आप इसी तरह आशीर्वाद बनायें रखे.
बात कुछ साल पुरानी हैं रमेश के पिताजी का ट्रांसफ़र सहारनपुर से मथुरा के एक गाँव चौमुहां में हो गया था. रमेश उस समय कक्षा ६ का विधार्थी था जब रमेश ८ वी कक्षा में आ गया तो रमेश के पिता ने रमेश का ट्यूशन एक अध्यापक जिनका नाम सिंह साहेब था.रमेश क़रीब सिंह साहेब से ४ साल तक ट्यूशन पढ़ा.जब रमेश हाई स्कूल में प्रथम श्रेणी में पास हुआ तो सिंह साहेब के पास क़रीब और नए २५ छात्रों ने ट्यूश
Read Moreजीने की राह मिल गई
जिंदगी में सफल होना बहुत ही जरूरी है सफलता ही असफलता की निशानी है। मेरा पथ आलोकित कर दो हे ईश्वर तुम जगत रचयिता पढ़ने आवे सब विधार्थी, शिक्षा का जब सूरज निकला पढ़ने आवे सब विधार्थी बागों में फैली हरियाली नये ज्ञान से झूमे डाली फूल तारे सब ता-ता थईया...
Read Moreकबीर कोहिनूर अवार्ड-2023 के लिए नामांकन
5 फरवरी 2023 को देश की राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होगा भव्य आयोजन कबीर कोहिनूर दिल्ली महोत्सव 2023 कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया नई दिल्ली* कार्यक्रम की अपार सफलता के बाद अखिल भारतीय सतगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान बड़ी खाटू की एक और भव्य...
Read Moreसमानता का अधिकार
ना हूं मैं सारंगी ना हूं कोई वाद यंत्र जो,जब चाहे और आए और सरगम की धुन समझ वीना के तान छेड़ जाएं ।। नारी हूं खुद में संपूर्ण हूं चाहती हूं स्वतंत्रता से फलक दरमियान पंख फैला उड़ना ।। हां, चाहती हूं रात और दिन बेखौफ हो सड़कों और चौराहों...
Read Moreबेटी बचाओ..सशक्त बनाओ!
कुरीतियों में वशीभूत होकर गलतफहमीयों का शिकार है लोग, बेटियां बोझ होती हैं सोचकर, कोख में ही मार डालते हैं लोग। परंतु,अंतर्मन से कभी सोचा है, इसका अंजाम क्या होगा...? जो वंश को आगे बढ़ा सके,वो, उस वारिस का उद्भव कहां से होगा? आज बेटों की चाह में..
Read Moreप्रेम पत्र ,नामे हमनवा के
लिखने को बैठा कुछ अंशे मोहब्बत ज़िगर के कागज़ दरमियान ।। पर, याद आया जो,भाव उतारने को हूं मैं बेताब लहू की स्याही बना उस काग़ज़ के टुकड़े पर उसको भी खरीदने में लगता हैं पैसा ।। जज़्बात जो,दिल के नाम करना चाहता हूं हमनवा के कागज़,कलम...
Read Moreआज़ादी की ढलती शाम...एक दर्द!
गुरदासपुर (पंजाब) के एक व्यस्त चौराहे पर,इस वक्त वीरानी छाई हुई थी।चारों ओर फूल, कागज़,बांटी हुई मिठाइयों के डिब्बों के टुकड़े बिखरे पड़े थे। क्योंकि यहीं पर आज "स्वतंत्रता दिवस का ध्वजारोहण" और अमृतोत्सव मनाया गया था। रात के 9:00 बज चुके थे...
Read Moreराष्ट्रोदय लघुकथा
राष्ट्रोदय नामक है लघु कथा राष्ट्र के वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए, इस लघु कथा का निर्माण हुआ है। जिनमें प्रबुद्ध वर्ग के छ: पात्रों का संवाद है, निसंदेह यह लघु कथा हमारी सोच को एक नई दिशा प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी..🙏🙏
Read Moreकाया की माया
बुजुर्ग होते हैं रीढ़ की हड्डी जैसे, क्या, इनसे जुदा होकर रह पाया हैं कोई ।। खुद का सहारा हैं लाठी पर औरों के हौसलों को बुलंद करते हैं ।। बिना किसी स्वार्थ उम्र दरमियान अपने आशीर्वाद की छांव देते हैं हर दर्द,हर तकलीफ को खुद बा खुद भांप लेते
Read Moreभारत में ISBN पंजीकरण एजेंसी RRRNA के बारे में जानकारी।
में आईएसबीएन प्रणाली के लिए पंजीकरण प्राधिकरण के रूप में नियुक्त किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय ISBN एजेंसी लंदन में स्थित है और उस विशेष क्षेत्र में ISBN के प्रशासन की देखभाल के लिए विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों को नियुक्त किया..
Read Moreदुर्दशा का कौन जिम्मेवार
औरत या नारी की दुर्दशा का कौन हैं असली गुनहगार आखिर,कौन ?? हर लेखक,हर रचनाकार औरत की मन की जबानी को शब्दों में ढालने की चेष्टा करता हैं मन की पीर, मस्तिष्क की हर उथल पुथल को कागज़ी जामा पहनाने की कोशिश भी करता हैं ।। पर वो, जायज़ या उचित..
Read Moreजीत किसकी होगी
मैं श्री जगदेव सिंह संस्कृत महाविद्यालय में सहायक अध्यापक नव्यव्याकरण पद पर कार्यरत हूं व्यवसाय से शिक्षक हूं और मुझे कविता कहानी गीत और अन्य विधाओं में साहित्य सृजन कार्य बहुत अच्छा और रुचिकर लगता है और मेरा जीवन का ध्यैय है कि मैं कि साहित्य सेवा कर...
Read Moreनारी शक्ति पुरस्कार-2023 के संदर्भ में सूचना
पिछले कुछ वर्षों में, महिलाओं को सभी क्षेत्रों में भाग लेने के लिए पहचानने और प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा ठोस प्रयास किए गए हैं और महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर अत्यधिक महत्व और ध्यान केंद्रित किया गया है। "नारी शक्ति पुरस्कार" समाज में महिलाओं..
Read Moreक्या..आज़ादी ऐसी होती है.!!
15 अगस्त के दिन.. झंडारोहण हो रहा था.. हर जन,आज़ादी की खुशी में.. मानो इसके खो रहा था! पास में कुछ लाचार गरीबों को, जब खड़े देखा मैंने.. कोतुहल बस एक बुजुर्ग को.. जा कर यूं ही पूछा मैंने। "वाह दादा" ब...
Read Moreआजादी के 75 वर्ष और युवाओं का दायित्वबोध
जादी का उत्सव के रूप में 'अमृत महोत्सव' का आयोजन ने देश के प्रति समर्पण-भाव के उभार में चार चांद लगाया है। ऐसे भव्य एवं उद्देश्यपूर्ण आयोजन से न केवल आजादी के दीवानों का स्मरण ताजा हुआ है, अपितु आजादी की महत्ता को घर-घर में पुनर्स्थापित करने में भी बल...
Read Moreआजादी के दीवानों को..याद रखना!
आजादी के जश्न में खोकर.. उनकी शहादत..भुला ना देना, वीरों की,देश प्रेम की ज्वाला को.. कभी दिल से..बुझा ना देना.! इनके ख़ून से सनी,इस मिट्टी को.. अपने मस्तक से ... लगा लेना, अर्पण कर... पुष्पों को इनके.. चरणों में... शीश...
Read Moreवीर लाल भारत मां के
सीना फुला,चौड़ा कर धरा के हर कोने पर बेफिक्री से चलता हूं दिन रैन ।। नभ पर भी मस्ती से हवा भर परों में उड़ते हैं पंक्षी बेखौफ ।। सीमा पर तैनात हर सिपाही जो देता हैं पहरा खोकर,अपना सुकून मन का सोता हैं तब जाकर कही भारत का हर वासी चैन से..
Read Moreमेरी बहन..मां का रूप है.
ये रिश्ता बड़ा मजबूत,दोस्ती से भी गहरा होता है। खुशनसीब हूं मैं..मुझे दो बहनों का प्यार मिला, हे ईश्वर..तू मेरे जैसी खुशियां,हर भाई को दिला। यूं तो,दोनों मुझसे बड़ी हैं,पर हर बात पे लड़तीं हैं, पर,पता है..वे मुझे जान से ज्यादा प्यार करतीं हैं! बड़ी..
Read Moreगजल लेखन के संदर्भ में रोचक जानकारी
गजल सीखने के लिए जरूरी है कि आपको १-मात्रा ज्ञान हो। २-रुक्न (अरकान) की जानकारी हो। ३-बहरों का ज्ञान हो। ४-काफ़िया का ज्ञान हो। ५-रदीफ का ज्ञान हो। और फिर शेर और उसका मफ़हूम (कथन)। एवं गजल की जबान की समझ हो। १- मात्राज्ञान...
Read Moreलेखक श्री विनय कृष्ण उर्फ काले बादल जी का जीवन परिचय
विश्व के प्राचीनतम गणराज्य वैशाली के रहने वाले विनय कृष्ण उर्फ काले बादल अपनी दर्जनों उत्कृष्ट रचनाओं से हाशिए के साहित्य में अमिट पहचान बनाई है। कम्यूनिस्ट विचारधारा से ओतप्रोत काले बादल के साहित्य में रोजमर्रे की ज़िंदगी से जूझते अंतिम पायदान के लोगों..
Read Moreराष्ट्र ध्वज के संदर्भ में रोचक जानकारी
वर्ष 1857के स्वतंत्रता संग्राम के समय भारत राष्ट्रध्वज बनाने की योजना बनी थी,लेकिन वह आंदोलन असमय ही समाप्त हो गया।राष्ट्रध्वज को वर्तमान स्वरूप मिलने के पहले यह प्रक्रिया कई चरणों से गुजरी।कुछ ऐतिहासिक पड़ाव इस प्रकार हैं :- प्रथम ध्वज 1904 में...
Read Moreदोस्त अनमोल
क्या तारीफ करूं दोस्तों की,मैं, साले एक से एक कमिने हैं.. मेरे जिगर के टुकडे हैं सब.. दुनिया के..नायाब नगीने हैं! मायूस नहीं होने देते मुझे,कभी, हर लम्हें को लतीफा बना देते हैं.. कम्बख्त़ हर ग़म को,चुटकुला बना, रोते हुए को..
Read Moreजीवन एक संघर्ष
जीवन एक संघर्ष है यह सर्वविदित है, दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं दोनों का रिश्ता चोली दामन सा है। जीवन के बिना संघर्ष कैसा संघर्ष के बिना जीवन का आखिर मूल्य कैसा? जीवन में संघर्ष का अपना महत्व है संघर्ष न हो तो जीवन वीरान है। संघर्षों से तनिक...
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