कुमायूंनी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर जीवन जोशी जी
कुमायूंनी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर जीवन जोशी जी जिनके विषय मे वर्तमान पीढ़ी को जागरुक करता शोध लेख जिससे वर्तमान पीढ़ी जीवन जी को जाने समझे।
Read Moreप्रभु श्री राम के पूर्वजों का वर्णन।
सुर्यवंश की कथा विस्तार से कहना इस पटल से संभव नहीं है क्यों कि विस्तार पूर्वक सूर्यवंश की कथा का वर्णन करना लगातार सौ वर्षों में भी संभव नहीं है अतः अति संक्षेप में वर्णन करती हूँ। सृष्टि के मालिक भगवान श्रीमान नारायण के नाभि कमल से ब्रह्मा जी का जन्म...
Read Moreमुसीबतों की बारात
मुसीबतों की बारात - अनकही दास्तान।। ऊहे दिन किरिया खाया की अब कभी शादी समारोह में शामिल नहीं होंगे। मेहरारू के फुआ के ननद के बेटी का शादी था, जम्मू में। महीने के पच्चीस तारीख को बैंक अकाउंट बोल रहा था की चुप चाप पांच दिन घर पर ही रहो, बाहर जाने को औकात...
Read Moreकरती ही क्या हो?
सुबह सुबह सफाई, बर्तन, नाश्ता, तुम्हारा टिफिन, बच्चों का टिफिन, तैयार करते करते, खुद नाश्ता करना भूल गई। और तुम कहते हो, तुम करती ही क्या हो? सोचा था दोपहर में, थोड़ा आराम करूंगी। पर तुम्हारे कुछ रिश्तेदार आ गए, वो किसी चीज की शिकायत ना करे...
Read Moreसंस्कार (लघु कथा)
मैंने इस कहानी के माध्यम से संस्कार के महत्व को बताने की एक छोटी सी कोशिश की है। अनीता एक साधारण परिवार में पली बड़ी संस्कारी और व्यवहार कुशल लड़की थी। वह दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी। यहीं वजह थी, कि अमित और उसके परिवार को अनीता पहली बार में ही पसंद आ..
Read Moreसम्मान पत्रों की बाढ़, जी भर के जितना मर्जी उतना काढ़।
सम्मान प्राप्ति वह दिव्य अनुभूति है जो स्वयं को तो आनंदित, गौरवान्वित महसूस करता ही है साथ ही साथ अन्य दूसरे व्यक्तियों को भी सत्कर्म करने को प्रेरित करता है। इससे एक सुंदर, सुव्यस्थित, मर्यादित तथा अनुशासित सामाजिक परिवेश का निर्माण होता है। सम्मान से...
Read Moreजीवन की पवित्रता
जीवन की पवित्रता ही सबसे बडी आध्यात्मिक साधना है। निश्चित ही असत्य हमें भीतर से कमजोर बना देता है। जो लोग असत्य भाषित करते हैं, उनका आत्मबल भी बड़ा कमजोर होता है। जो लोग अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं वही सबसे अधिक असत्य का भाषण करते हैं। हमें सत्य.
Read Moreअयोध्यापूरी धाम के पौराणिक परिचय।
मैं अयोध्या हूं। सृष्टि विकास के पूर्व में केवल जल ही जल था तथा जल से स्थल निर्माण के क्रम में मैं यानी कि अयोध्या का उदय सर्वप्रथम हुआ तथा सृष्टिकर्ता भगवान श्री नारायण ने मेरे कानों में कहा था मैं तुम्हारी भूमि पर अवतरित हूंगा इस लिए मेरा महात्म्य और...
Read Moreदुर्भाग्य - एक वृतांत
दुर्भाग्य - एक वृतांत। सच्ची घटना पर आधारित। पपलु बाबू बैंक पीओ का परीक्षा देके नागपुर से गढ़वा के लिए चल पड़े। साथ में मंगेसर काका का लड़का भी था, मंगेसर काका के लड़का मनीष, अडानी के कंपनी में एचआर थे। जानकार थे और नागपुर से परिचित भी। पपलु के ......
Read Moreवैश्विक परिपेक्ष्य में वर्ष 2024
सम्पूर्ण वैश्विक परिपेक्ष्य में नव ईस्वी सन 2024 कि ज्योतिषीय गणना
Read Moreनववर्ष 2024 भरतीय परिपेक्ष्य में।
नव ईस्वी सन 2024 भारतीय परिपेक्ष्य में कैसा होगा इस संदर्भ में ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर विष्लेषण। नव वर्ष 2024 भारतीय परिपेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है ।भारतीय नव वर्ष का शुभारम्भ नव संवत्सर 2081 अप्रैल माह में वासन्तिक नवरात्र के प्रथम दिव..
Read Moreमां ने कुछ नहीं सिखाया
आज सब्जी में नमक अधिक हो गया, ससुर जी ने कहा, मां ने कुछ नहीं सिखाया। रोटियां थोड़ी टेढ़ी - मेढ़ी थी, सास ने कहा, मां ने कुछ नहीं सिखाया। जल्दी - जल्दी में, टिफिन पैक करना भूल गई, पति ने कहा, मां ने कुछ नहीं सिखाया। ननद का मेक-अप थोड़ा...
Read Moreजहां जैसा माहौल, वहां वैसा ही बोल।
यह मिथ्या नहीं हो सकता की जहां जैसा माहौल, वहां वैसा बोल नहीं होगा..? यह सत्य है की बिहार के वायुमंडल में भोजपुरी अश्लील गाने और फिल्मों का घना कोहरा छाया हुआ है। हमने हाल ही में हिंदी, भोजपुरी सिनेजगत में व्याप्त अश्लीलता पर एक आलेख लिखा था जिसका...
Read Moreआध्यात्मिक रहस्य का ज्ञान ही मानव की श्रेष्ठ सफलता है।
मानव संसाधनों को इकट्ठा करके अपने आपको सफल मानता है,यही उसके जीवन की सबसे बडी भूल है क्योंकि दुनिया की हर वह चीज को चेतना से पृथक है,वह अनित्य है फिर अनित्य वस्तु की प्राप्ति से जीवन की सफलता का निर्धारण कैसे,यह सोच इन्सान को अज्ञान के दुख में गिराती है।
Read Moreअश्लील गाने और फिल्मों का होड़ समाज के लिए कोढ़।
अश्लील गाने और फिल्मों के गीतकार, कलाकारों पर सरकार को त्वरित लगाम लगाना चाहिए न की इनके अनुयायियों की संख्या बहुतायत के दृष्टिगत इन्हे विधायक सांसद की टिकट देना चाहिए। इनकी अश्लील हरकत से दूरगामी परिणाम बड़ा ही भयंकर है जो अभी अपने आस पास के परिवेश में..
Read Moreगीत नया गाता हूँ
काल समय समाज युग राष्ट्र के अतीत के परिपेक्ष्य में वर्तमान में उत्कृष्ट भविष्य के लिए आमंत्रण आवाहनं करती काव्य रचना । निश्चय निश्चित निष्छल काल दौर स्वीकारता कर्तव्य परम्परा के दायरे में सिमटना नही चाहता युग के साथ स्वछंद दौर को पुकारता काल कि स्वछंद..
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