मानवाधिकार सहायता संघ अंतर्राष्ट्रीय जागृत समाज का पर्याय है।
एम.एस.ए.(ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन) मानवाधिकार हनन को रोकने एवं पीड़ितों को न्याय दिलाने तथा उनकी सहायता करने हेतु अपने संघ मित्रों, पदाधिकारियों के सहयोग से मानव समाज के उत्थान एवं विभिन्न समाजोपयोगी सामाजिक कार्यों के संपादन से मानवाधिकार सहायता संघ अंत...
Read Moreप्राचीन इतिहास में सशक्त एवं ज्ञानी नारी-नेतृत्व।
प्राचीन भारत के विभिन्न ऐतिहासिक एवं धार्मिक साहित्यों में सशक्त एवं ज्ञानी नारी-नेतृत्व के दर्शन भले चौंकाने वाले हों, किंतु उनकी सत्यता से इंकार नहीं जा सकता है।ऋग्वैदिक काल में नारियों की स्थति अन्य कालों की तुलना में बेहतर थी।उस समय नारी जितना...
Read Moreमतदान (लघुकथा )
यह लघु कथा समाजोपयोगी है, यह कथा हमें हमारे दायित्वों का बोध करवाती है, साथ ही हम अपने विवेक का सद् असद् कैसें व्यावहारिक प्रयोग करें।
Read Moreपलट दल बदल, जनादेश बेदखल
वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था प्रजातांत्रिक आधारित है जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सेक्शन 29A के तहत किसी भी राजनैतिक दल के पंजीकरण का प्रावधान है। चुनाव आयोग पार्टी पंजीकरण के वक्त सर्व प्रथम ही पार्टी का नियम कानून, सिद्धांत, संविधान जिसके आधार पर...
Read Moreअभिमान तिरंगा है।
तिरंगे की शान में अर्पित श्रद्धा सुमन अभिमान तिरंगा है हर घर तिरंगा है उत्तर में हिमालय है दक्षिण में सागर है पश्चिम के रेतीले मैदान पूरब हरियाली है ब्रम्हपुत्रा, सरयू ,कावेरी यमुना और गंगा है अभिमान तिरंगा ............ केसरिया वीरों का है..
Read Moreरखैल कहो या लिव इन रिलेशनशिप, यह कुसंस्कार समाज के लिए घोर अभिशाप।
भारत भूमि के नारियां सदैव से आदरणीय पूज्यनीय सम्माननीय रही है जिसका मूल आधार उनका उत्तम आदर्श चरित्र, पतिव्रता धर्म ही है तभी तो स्वयं अनंत कोटि ब्रह्माण्ड के अधिनायक जगदीश्वर ने कई बार विभिन्न माताओं के गर्भ से जन्म लिया है। एक मजबूत शुद्ध मां के गर्भ...
Read Moreसंविधान शिल्पी बाबा साहब
संविधान शिल्पी बाबा साहब के जीवन व्यक्तित्व पर शोध लेख। बाबा साहब भीम राव अंबेडकर भारतीय इतिहास के ऐसे विराट व्यक्तित्व जिनके बिना ना तो वर्तमान भारत कल्पनीय है ना ही भारत कि स्वतंत्रता के बाद भारत के इतिहास की कल्पना सम्भव है कोई भी राजनीतिक उदय हो या..
Read Moreनेता जी शोध लेख
नेता जी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के बिभिन्नं आयाम पर शोध लेख। -साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 1897 में कटक में जानकी नाथ बोस की 14 संन्तानो में नवी संतान के रूप में हुआ1-साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का..
Read Moreडॉ निशंक शोध लेख
डॉ रमेश पोखरियाल निशंक भरतीय विद्वत समाज सदैव दैदीप्यमान नक्षत्र है जो वर्तमान में प्रेरणा है।रमेश पोखरियाल निशंक किसी परिचय सम्मान के मोहताज नही जैसा की नाम है निशंक निडर वेवाक विद्वत मनीषी पुरुषार्थ पराक्रम ऊर्जा के आदर्श प्रेरक प्रेरणा व्यक्तित्व...
Read Moreकुमायूंनी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर जीवन जोशी जी
कुमायूंनी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर जीवन जोशी जी जिनके विषय मे वर्तमान पीढ़ी को जागरुक करता शोध लेख जिससे वर्तमान पीढ़ी जीवन जी को जाने समझे।
Read Moreप्रभु श्री राम के पूर्वजों का वर्णन।
सुर्यवंश की कथा विस्तार से कहना इस पटल से संभव नहीं है क्यों कि विस्तार पूर्वक सूर्यवंश की कथा का वर्णन करना लगातार सौ वर्षों में भी संभव नहीं है अतः अति संक्षेप में वर्णन करती हूँ। सृष्टि के मालिक भगवान श्रीमान नारायण के नाभि कमल से ब्रह्मा जी का जन्म...
Read Moreमुसीबतों की बारात
मुसीबतों की बारात - अनकही दास्तान।। ऊहे दिन किरिया खाया की अब कभी शादी समारोह में शामिल नहीं होंगे। मेहरारू के फुआ के ननद के बेटी का शादी था, जम्मू में। महीने के पच्चीस तारीख को बैंक अकाउंट बोल रहा था की चुप चाप पांच दिन घर पर ही रहो, बाहर जाने को औकात...
Read Moreकरती ही क्या हो?
सुबह सुबह सफाई, बर्तन, नाश्ता, तुम्हारा टिफिन, बच्चों का टिफिन, तैयार करते करते, खुद नाश्ता करना भूल गई। और तुम कहते हो, तुम करती ही क्या हो? सोचा था दोपहर में, थोड़ा आराम करूंगी। पर तुम्हारे कुछ रिश्तेदार आ गए, वो किसी चीज की शिकायत ना करे...
Read Moreसंस्कार (लघु कथा)
मैंने इस कहानी के माध्यम से संस्कार के महत्व को बताने की एक छोटी सी कोशिश की है। अनीता एक साधारण परिवार में पली बड़ी संस्कारी और व्यवहार कुशल लड़की थी। वह दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी। यहीं वजह थी, कि अमित और उसके परिवार को अनीता पहली बार में ही पसंद आ..
Read Moreसम्मान पत्रों की बाढ़, जी भर के जितना मर्जी उतना काढ़।
सम्मान प्राप्ति वह दिव्य अनुभूति है जो स्वयं को तो आनंदित, गौरवान्वित महसूस करता ही है साथ ही साथ अन्य दूसरे व्यक्तियों को भी सत्कर्म करने को प्रेरित करता है। इससे एक सुंदर, सुव्यस्थित, मर्यादित तथा अनुशासित सामाजिक परिवेश का निर्माण होता है। सम्मान से...
Read Moreजीवन की पवित्रता
जीवन की पवित्रता ही सबसे बडी आध्यात्मिक साधना है। निश्चित ही असत्य हमें भीतर से कमजोर बना देता है। जो लोग असत्य भाषित करते हैं, उनका आत्मबल भी बड़ा कमजोर होता है। जो लोग अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं वही सबसे अधिक असत्य का भाषण करते हैं। हमें सत्य.
Read Moreअयोध्यापूरी धाम के पौराणिक परिचय।
मैं अयोध्या हूं। सृष्टि विकास के पूर्व में केवल जल ही जल था तथा जल से स्थल निर्माण के क्रम में मैं यानी कि अयोध्या का उदय सर्वप्रथम हुआ तथा सृष्टिकर्ता भगवान श्री नारायण ने मेरे कानों में कहा था मैं तुम्हारी भूमि पर अवतरित हूंगा इस लिए मेरा महात्म्य और...
Read Moreदुर्भाग्य - एक वृतांत
दुर्भाग्य - एक वृतांत। सच्ची घटना पर आधारित। पपलु बाबू बैंक पीओ का परीक्षा देके नागपुर से गढ़वा के लिए चल पड़े। साथ में मंगेसर काका का लड़का भी था, मंगेसर काका के लड़का मनीष, अडानी के कंपनी में एचआर थे। जानकार थे और नागपुर से परिचित भी। पपलु के ......
Read Moreवैश्विक परिपेक्ष्य में वर्ष 2024
सम्पूर्ण वैश्विक परिपेक्ष्य में नव ईस्वी सन 2024 कि ज्योतिषीय गणना
Read Moreनववर्ष 2024 भरतीय परिपेक्ष्य में।
नव ईस्वी सन 2024 भारतीय परिपेक्ष्य में कैसा होगा इस संदर्भ में ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर विष्लेषण। नव वर्ष 2024 भारतीय परिपेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है ।भारतीय नव वर्ष का शुभारम्भ नव संवत्सर 2081 अप्रैल माह में वासन्तिक नवरात्र के प्रथम दिव..
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