07-04-2024

चुनावी जनसभा के भीड़ का विश्लेषण।

जैसा की हम सभी जानते हैं की भारत में लोक तंत्र, प्रजातांत्रिक व्यवस्था का आगाज बीसवीं सदी के मध्य में हुआ था। दो सौ वर्षो की अंग्रेजी हुकूमत और इसके पहले राजतांत्रिक व्यवस्था में चुनावी जनसभा का कोई नामो निशान नहीं था। भारत में जब से प्रजातांत्रिक...

Read More

       03-02-2024

पलट दल बदल, जनादेश बेदखल

वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था प्रजातांत्रिक आधारित है जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सेक्शन 29A के तहत किसी भी राजनैतिक दल के पंजीकरण का प्रावधान है। चुनाव आयोग पार्टी पंजीकरण के वक्त सर्व प्रथम ही पार्टी का नियम कानून, सिद्धांत, संविधान जिसके आधार पर...

Read More

रखैल कहो या लिव इन रिलेशनशिप, यह कुसंस्कार समाज के लिए घोर अभिशाप।

भारत भूमि के नारियां सदैव से आदरणीय पूज्यनीय सम्माननीय रही है जिसका मूल आधार उनका उत्तम आदर्श चरित्र, पतिव्रता धर्म ही है तभी तो स्वयं अनंत कोटि ब्रह्माण्ड के अधिनायक जगदीश्वर ने कई बार विभिन्न माताओं के गर्भ से जन्म लिया है। एक मजबूत शुद्ध मां के गर्भ...

Read More

प्रभु श्री राम के पूर्वजों का वर्णन।

सुर्यवंश की कथा विस्तार से कहना इस पटल से संभव नहीं है क्यों कि विस्तार पूर्वक सूर्यवंश की कथा का वर्णन करना लगातार सौ वर्षों में भी संभव नहीं है अतः अति संक्षेप में वर्णन करती हूँ। सृष्टि के मालिक भगवान श्रीमान नारायण के नाभि कमल से ब्रह्मा जी का जन्म...

Read More

       10-01-2024

सम्मान पत्रों की बाढ़, जी भर के जितना मर्जी उतना काढ़।

सम्मान प्राप्ति वह दिव्य अनुभूति है जो स्वयं को तो आनंदित, गौरवान्वित महसूस करता ही है साथ ही साथ अन्य दूसरे व्यक्तियों को भी सत्कर्म करने को प्रेरित करता है। इससे एक सुंदर, सुव्यस्थित, मर्यादित तथा अनुशासित सामाजिक परिवेश का निर्माण होता है। सम्मान से...

Read More

अयोध्यापूरी धाम के पौराणिक परिचय।

मैं अयोध्या हूं। सृष्टि विकास के पूर्व में केवल जल ही जल था तथा जल से स्थल निर्माण के क्रम में मैं यानी कि अयोध्या का उदय सर्वप्रथम हुआ तथा सृष्टिकर्ता भगवान श्री नारायण ने मेरे कानों में कहा था मैं तुम्हारी भूमि पर अवतरित हूंगा इस लिए मेरा महात्म्य और...

Read More

       08-11-2023

जहां जैसा माहौल, वहां वैसा ही बोल।

यह मिथ्या नहीं हो सकता की जहां जैसा माहौल, वहां वैसा बोल नहीं होगा..? यह सत्य है की बिहार के वायुमंडल में भोजपुरी अश्लील गाने और फिल्मों का घना कोहरा छाया हुआ है। हमने हाल ही में हिंदी, भोजपुरी सिनेजगत में व्याप्त अश्लीलता पर एक आलेख लिखा था जिसका...

Read More

       06-11-2023

अश्लील गाने और फिल्मों का होड़ समाज के लिए कोढ़।

अश्लील गाने और फिल्मों के गीतकार, कलाकारों पर सरकार को त्वरित लगाम लगाना चाहिए न की इनके अनुयायियों की संख्या बहुतायत के दृष्टिगत इन्हे विधायक सांसद की टिकट देना चाहिए। इनकी अश्लील हरकत से दूरगामी परिणाम बड़ा ही भयंकर है जो अभी अपने आस पास के परिवेश में..

Read More

       02-10-2023

सोच का रहस्यमयी असर

सोच इस सृष्टि का रहस्यमयी आयाम है। पशु पक्षी, जीव जंतु, कीट पतंग, मानव और यहां तक कि पूरी सृष्टि सोच में डूबी हुई है। सोच के द्वारा ही परम पिता परमेश्वर ने इस अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का रचना किया है। यूं कहे तो बिना सोच के कोई कर्म भी नहीं होता..! आखिर...

Read More

       18-09-2023

राजतंत्र, प्रजातंत्र से अलग सरकार चलाने का एक नया विकल्प संगणकतंत्र (तुलनात्मक विश्लेषण)

किसी भी देश को नियंत्रित, समृद्ध तथा संतुलन में रखने के लिए सरकार की महत्ती भूमिका होती है। किसी भी राष्ट्र संचालन के लिए सरकार का होना अत्यंत आवश्यक है। अभी तक किसी देश में सरकार चलाने के लिए हम सभी राजतंत्र और प्रजातंत्र के बारे में ही जानते आएं हैं...

Read More

मणिपुर समस्या का चिंतन व सुझाव

मानव इतिहास की सबसे बीभत्स, शर्मशार करने वाली घोर निंदनीय, मणिपुर की दो समुदायों के बीच झगड़े में नारी उत्पीड़न, उसके आबरू मर्यादा से छेड़छाड़, रक्तपात की घटना मानवता को झकझोर के रख दिया है और सभ्य समाज को शर्म से मस्तक नीचे झुका दिया है..

Read More

डिजिटल मुद्रा (Pointo Currency) की परिकल्पना।

21 वीं सदी के पहली दसक को छोड़ दिया जाए तो दूसरी दसक से डिजिटिलाइजेशन का परिचालन तेजी से बढ़ा। डिजिटिलाइजेशन ने भारी भरकम मेहनत से लिखी जाने वाली तमाम खाता-बही को स्वचालित सहज और त्वरित बना दिया। जीवन के विभिन्न आयाम, क्रियाकलापो में डिजिटिलाइजेशन को बढ़...

Read More

मर्यादाओं की लक्ष्मण रेखा

मर्यादाओं की सीमा लांघ कर कोई व्यक्ति आगे बढ़ेगा तो निःसंदेह प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ही आज न कल परंतु सत्य, धर्म, नियम को पालन करते हुए व्यक्ति यदि कभी दिग्भ्रमित होकर या गुमराह हो कर मर्यादाओं की सीमा तोड़ भी देता है तो उसे बचाने के लिए ईश्वर साक्षात खड़े...

Read More

होली पर्व का महात्म्य

होली की सुरुआत सतयुग में हुआ था। दैत्यराज हिरणकश्यपु के पुत्र प्रह्लाद जी सृष्टि के पालनहार भगवान श्री नारायण के अनन्य भक्त हुए। हर वक़्त उनके जिह्वा पर नारायण नारायण का रट लगा रहता था, प्रभु गुणगान से उनकी दिनचर्या की सुरुआत होती एवं प्रभु स्मरण, भक्ति...

Read More

       22-02-2023

आखिर वेतन दिवस क्यों नहीं मनाया जाए..?

पूरे वर्ष के बारहो महीना आये दिन देश दुनियाँ में कोई न कोई दिवस मनाया जाता है। चाहे वह स्मरण दिवस हो, जयंती दिवस हो या कोई अन्य उत्सव का दिवस हो... निश्चित अंतराल पर कोई न कोई दिवस हम जन्म से ही मनाते आये हैं। यह बहुत ही अच्छी बात एवं सुंदर परंपरा है कि..

Read More

मानवता के प्रज्ज्वलित दीप स्तम्भ, महा दानवीर- श्री डॉ. इंद्रजीत शर्मा जी

श्री डॉ. इंद्र शर्मा जी का जन्म 01 अक्टूबर 1960 ई. को हुआ। अपने पिता स्व. पंडित तिलक राज शर्मा के पदचिह्नों का अनुगमन करते हुए सामाजिक, धार्मिक एवं उद्धारक व्यकितत्व की परिभाषा को परिपूर्ण कर एक मिसाल कायम की। आपके पिता श्री ने आप में संस्कार, सेवा भाव...

Read More

सत्य, सौहार्द, आपसी एकता, प्रेम, भाईचारे के साक्षात प्रतिमूर्ति- श्री डॉ. (प्रो.) सौरभ पाण्डेय

इस दुनियाँ में जाती, धर्म, सम्प्रदाय के बीच दिन प्रतिदिन गहरी खाई बढ़ती ही चली जा रही है जिससे मानव होने का मानवीय संवेदना नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने जाती धर्म मजहब के परिसीमा में रहते हुए अपने ही कुनबे के किसी प्रणेता...

Read More

दिव्य प्रेरक कहानियाँ भारतीय भाषा समन्वय एवं सहयोग परिषद का गठन...

आज दिनांक 31/12/2022 को सद्गुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान के महंत श्री डॉ. नानक दास जी महाराज के संरक्षण मार्गदर्शन में भारत साहित्य रत्न श्री अभिषेक कुमार (जयहिन्द तेंदुआ, औरंगाबाद, बिहार) के द्वारा "भारतीय भाषा समन्वय एवं सहयोग परिषद" गठन के आधिकारिक...

Read More

जर्मन कैमोमाइल के महक से रोशन होगा ठेकमा की गुलशिता

समाज के मुख्य धारा से पिछड़े, वंचित समूह दीदियों के उत्थान हेतु निरंतर प्रयत्नशील रहने वाले आजमगढ़ जिला, ठेकमा के ब्लॉक मिशन प्रबंधक-कौशल एवं रोजगार अभिषेक कुमार के पहल से महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना अंतर्गत महिला किसानों ने जर्मन कैमोमाइल की खेती कर...

Read More

स्वदेशी मिठाई लकठो की भूली बिसरी यादें

पिछले शताब्दी के वर्ष एवं 21 वीं सदी प्रारंभिक दशक तक स्वदेशी मिठाई लकठो की खूब धूम हुआ करता था। बाल मनुहार तथा बडें, बुजुर्गों के चित्त को भी यह मिठाई खूब भाता था। लकठो मिठाई का केंद्र बिहार होने के साथ-साथ यह देश के कई प्रान्तों में बड़ी सहजता एवं स...

Read More

डॉक्टर साक्षात्कार ऍलोपैथ बनाम होम्योपैथ एवं आयुर्वेद

धरती पर डॉक्टर (चिकित्सक) भगवान का दूसरा रूप माना गया है जिनमें भगवान की ही तरह सूझ-बूझ, धीर-गंभीर, मंद मुस्कान, विनम्रता और आत्मविश्वास से रोगियों के साथ कुशल प्रेम स्नेह से सनी वार्ता जिससे आधा बीमारी यह विश्वास दिलाने से ही ठीक हो जाये कि रोग-व्याधि...

Read More

आम के पेड़ो की व्यथा-कथा

पूरे भारत वर्ष के ग्रामीण अंचलों से लेकर शहरों तक आम के पेड़ देखने को मिल जाएंगे। जीवनोपयोगी, आध्यात्मिक, पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं पोषण के दृष्टिकोण से आम के पेड़ बहुत ही महत्वपूर्ण है। साथ ही साथ आम को राष्ट्रीय फल होने का गौरव भी प्राप्त है। ग्रामीण इ...

Read More

साहित्यकार/कलाकार पेंशन योजना और कल्याण कोष की जानकारी

इस स्कीम को ‘कलाकार पेंशन स्कीम और कल्याण निधि’ के रूप में जाना जाएगा। इस स्कीम के तहत निम्नलिखित दो प्रकार के अनुरोधों पर विचार किया जाएगा : वर्ष 1961 की स्कीम के अधीन विद्यमान लाभार्थी; और लेखकों, कलाकारों आदि के नए मामले, जो उक्त स्कीम के अधीन अनु...

Read More

राष्ट्रीय युवा पुरस्कार-2020-2021 हेतु आवेदन

पुरस्कार का उद्देश्य युवा व्यक्तियों को राष्ट्रीय विकास या समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना और उनमें समुदाय के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करना और इस प्रकार अच्छे नागरिकों के रूप में अपनी व्यक्तिगत क्षमता में...

Read More

सत्य सनातनी पर्व दीपावली का महात्म्य

भारतीय सत्य सनातन सभ्यता संस्कृति में एक से बढ़ कर एक पर्व-त्योहार है जो आध्यात्मिकता और वैज्ञानिकता दोनो के दृष्टिकोण से अहम हैं। हरियाली के चादर ओढ़े प्रकृति जहाँ खरीफ के मुख्य फसल धान के पौधों से शर्माते निकलते हुए उसकी बालियों के बीच प्रत्येक वर्ष शरद..

Read More

श्रेणी