जनसंदेश आलेख

       03-08-2024

गुणवत्ता और महत्ता एक दूसरे के पूरक...

मानव जीवन के विविध विषयों पर ध्यान केंद्रित करें तो कहां नहीं गुणवत्ता और महत्ता विद्धमान है। मेरे समझ से जो वस्तु हम दैनिक जीवन में नित्य दिन इस्तेमाल करते हैं उन सभी में गुणवत्ता और महत्ता होती है। बिना गुणवत्ता और महत्ता के सृष्टि में कुछ भी नहीं है...

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       09-06-2024

भय -भाग-1

भय - भाग-1 मानवीय मनोविज्ञान भय अन्तर्मन कि गहराई से उत्पन्न वह विचार है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को झकझोर देता है और विचारों को अशांत उद्वेलित करता है विचारो कि उत्पति मनुष्य कि कल्पनाशीलता कि योग्यता है जो उसे अपने परिवेश परिस्थितियों के कारण उसे...

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       18-05-2024

भ्रष्टाचार खत्म करने वाली मशीन की परिकल्पना...

भ्रष्टाचार विरोधी या भ्रष्टाचार खत्म करने की मशीन यह सुनने में अजीब और अटपटा जरूर लग रहा होगा परंतु भविष्य में एक दिन भ्रष्टाचार को नियंत्रण करने के लिए एक विशेष मशीन की जरूरत पड़ेगी। क्यों की जैसे जैसे कलयुग का समय बीतता जायेगा भ्रष्टाचार, पाप, अनाचार...

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       10-01-2024

सम्मान पत्रों की बाढ़, जी भर के जितना मर्जी उतना काढ़।

सम्मान प्राप्ति वह दिव्य अनुभूति है जो स्वयं को तो आनंदित, गौरवान्वित महसूस करता ही है साथ ही साथ अन्य दूसरे व्यक्तियों को भी सत्कर्म करने को प्रेरित करता है। इससे एक सुंदर, सुव्यस्थित, मर्यादित तथा अनुशासित सामाजिक परिवेश का निर्माण होता है। सम्मान से...

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       06-11-2023

अश्लील गाने और फिल्मों का होड़ समाज के लिए कोढ़।

अश्लील गाने और फिल्मों के गीतकार, कलाकारों पर सरकार को त्वरित लगाम लगाना चाहिए न की इनके अनुयायियों की संख्या बहुतायत के दृष्टिगत इन्हे विधायक सांसद की टिकट देना चाहिए। इनकी अश्लील हरकत से दूरगामी परिणाम बड़ा ही भयंकर है जो अभी अपने आस पास के परिवेश में..

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       02-10-2023

सोच का रहस्यमयी असर

सोच इस सृष्टि का रहस्यमयी आयाम है। पशु पक्षी, जीव जंतु, कीट पतंग, मानव और यहां तक कि पूरी सृष्टि सोच में डूबी हुई है। सोच के द्वारा ही परम पिता परमेश्वर ने इस अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का रचना किया है। यूं कहे तो बिना सोच के कोई कर्म भी नहीं होता..! आखिर...

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       05-06-2023

क्यों जरूरत पडी विश्व पर्यावरण दिवस की ?

पर्यावरण दिवस पर लिखा गया लेख ये वो युग था जब औद्योगिकरण और शहरीकरण बहुत तेजी से होने लगा था। मशीनों के निर्माण ने काम को आसान बना दिया था। जिस वज़ह से कच्चे माल के लिए जंगलों को तेजी से काटा जा रहा था। नगरों को बसाने के लिए भी जंगलों को काट कर वहां...

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       02-06-2023

पैसा दे दो पैसा व्यंग्य

पइसा दे दो पइसा-व्यंग्य पइसा दे दो पइसा, हाहाहाहाहा- अरे-अरे आप ग़लत समझ रहे । ये कोई मुफ्त मे पैसे मांगने वाले नहीं हैं भाई, ये तो वो लोग है जो जनता का कार्य कर रहे और उसके बदले मोटी कमाई के रूप मे पैसे मांग रहे। आज कल ये बताइए हम तो मुफ्त मे वैसे भी

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       04-02-2023

भारत मे शिक्षा

शिक्षा का महत्व ----शिक्षा और समाज किसी भी राष्ट्र और उसमे निवास करने वाले समाज की भौतिकता और नैतिकता का निर्धारण उस राष्ट्र के शिक्षा स्तर पर ही निर्धारित किया जा सकता है ।।विकास और सामजिक उद्धान दोनों का मूल मानव संसाधन है जब तक संसाधन श्रोत पूर्णतः

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       04-02-2023

भारतीय रेल एव आजादी का अमृतमहोत्सव

भारत की आजादी के संघर्षो में एव आजादी के बाद भारतीय रेल के योग दान की कदापी अनदेखी नही की जा सकता भारतीय रेल चाहे भारतीय जन का चाहे आजादी का संघर्ष हो या आजादी के बाद स्वतंत्र राष्ट्र के विकास में योगदान हो भारतीय रेल की महत्वपूर्ण भूमिका है।भारत मे...

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       30-01-2023

भारत की स्वतंत्रता का अतीत एव वर्तमान

भारत अपनी आजादी के पचहत्तर वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है जिसके उपलक्ष में भारत सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर विशेष आयोजन किए जा रहे है जिसका उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को आजादी के सत्यार्थ एवं उद्देश्य से परिचित कराना है तो भविष्य के लिए एक शसक्त..

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       30-01-2023

भारत कि स्वतंत्रता का अमृतमहोत्सव

गोरखपुर में आजादी के संघर्ष के दौरान बस्ती ,देवरिया, आजमगढ़ एव नेपाल के सीमावर्ती भाग समम्मिलित थे।वर्तमान में गोरखपुर, आजमगढ़ एव बस्ती अलग अलग मंडल मुख्यालय है ।आजमगढ़, में मऊ ,बलिया एव आजमगढ़ जनपद है तो बस्ती में सिद्धार्थ नगर ,संत कबीर नगर ,एव बस्ती जनपद..

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       12-01-2023

नारी का स्वाभिमान, भारतीय परिधान

साड़ी एक भारतीय परिधान है। जो महिलाओं द्वारा पहना जाता है। साड़ी पहनने का चलन बहुत पुराना है। कैसे आरंभ हुआ? कहां से आया?किसने आरंभ किया?इन प्रश्नों का उत्तर ढूंढना अत्यंत कठिन है।साड़ी ही ऐसा परिधान है जिसमें कोई भी महिला चाहे वह भारतीय हो या फिर विदेशी...

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       01-01-2023

कैसे मनाऊँ

जिस ने 200 सालों तक, हम पर शासन किया, उनका त्यौहार मैं कैसे मनाऊँ। जिसने मंगल पाण्डेय को, फांसी पर लटकाया, उनका त्यौहार मैं कैसे मनाऊँ। जिसने हमारी वीरांगना, लक्ष्मीबाई को मारा, उनका त्यौहार मैं कैसे मनाऊँ। जिसने 18 साल के, लड़के को..........

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       17-12-2022

मासिक धर्म के नाम पर ये आडंबर क्यूं??

पूछना चाहती हूं इस समाज धर्म के ठेकेदारों से आखिर! नारी के असहनीय दर्द भरे पलों के नाम पर ये ढोंग ढकोसला क्यूं ।। जिस, रक्त के कण कण से जब पालती हैं नन्ही सी जां को कोख में और जन्म देती हैं शिशु को तब,वो शिशु अपवित्र क्यूं नही कहलाता...

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       06-12-2022

।। भागलपुर के दुर्भाग्य ।। इज्जत नारी की फिर हुई तार तार।।

इज़्जत नारी की हुई फिर तार तार ।। बार बार हैं पुनरावृत्ति हो रही ।। छिन्न भिन्न हैं किए जा रहे नारी अंग के पुर्जे पुर्जे ।। कभी आंख हैं फोड़ी जाती कभी स्तन हैं काटें जाते और कभी जिस्म के एक एक हिस्से को हैं ज़ख्मी सा किया जाता ।। ये सिलस

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       14-10-2022

बंद हुए कल कारखाने एवं सरकारी कार्यक्रमों से प्रेरक सीख

किसी भी राष्ट्र के सम्पूर्ण तरक्की, उन्नति में उधोग नीति का महत्वपूर्ण स्थान है। औधोगिक कल कारखाने एक ओर जहां हज़ारों प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया कराते है वहीं दूसरी ओर देश के अर्थव्यवस्था मजबूतीकरण में अहम भूमिका निभाते हैं। एशिया के बड़े उधोगों...

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       09-10-2022

कड़क नोटों की अजब कहानी

हर चमक फीकी इन कड़कते नोटों के सामने जैसे, पड़ गई हो कुहासा की धुंध हर रिश्ते के आगे ईमान,बनता हैं दागी होता मन बेमानी ढेर करिजमें से भरी हैं साहब ये, अजब नोटों की कहानी भ्रष्टाचार की नींव रखता मन को भी भीतर से खोखला सा करता दिन का चैन औ..

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       21-09-2022

हस्ती,मेरी

मोहताज नही मेरा वजूद किसी की मेहरबानियों का ।। मेरा व्यक्तित्व खुद में हैं पूरा मैं! साया वो नही हो,जिसे इंतजार करम एहसानों का ।। खुद्दार हूं, हूं स्वाभिमानी, मैं नहीं तरसता कभी किसी के बिन वजह सहारे का ।। प्रेम का अंश हूं हूं भावों की खान

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       21-09-2022

भ्रम दल का उदय

नरम दल, गरम दल के बारे में तो आपने सुना होगा क्या भ्रम दल के बारे में सुना है आपने...? यदि नहीं तो हम आज भ्रम दल के बारे में आपको अवगत कराएंगे। दरअसल हमारे एक सीनियर अधिकारी ने किसी हक अधिकार संबंधित चर्चा में नरम दल, गरम दल से इतर एक नया दल की उपमा दी...

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       06-09-2022

एकल पहुंच के पैरवीकार एवं सार्वजनिक पहुंच के पैरवीकार पर मेरे विचार।

किसी कार्यो के संपादित कराने के लिए खुद के पुरुसार्थ पर भरोषा न कर के शॉर्टकट तरीका किसी दूसरे पहुंच पैरवी वाले व्यक्ति से सिफारिश कराना कुछ लोग उचित समझते है। इस संदर्भ में एकल पहुंच पैरवीकार वाले व्यक्ति और सार्वजनिक पहुंच पैरवीकार वाले व्यक्ति के बा...

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       26-08-2022

समानता का अधिकार

ना हूं मैं सारंगी ना हूं कोई वाद यंत्र जो,जब चाहे और आए और सरगम की धुन समझ वीना के तान छेड़ जाएं ।। नारी हूं खुद में संपूर्ण हूं चाहती हूं स्वतंत्रता से फलक दरमियान पंख फैला उड़ना ।। हां, चाहती हूं रात और दिन बेखौफ हो सड़कों और चौराहों...

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       18-08-2022

दुर्दशा का कौन जिम्मेवार

औरत या नारी की दुर्दशा का कौन हैं असली गुनहगार आखिर,कौन ?? हर लेखक,हर रचनाकार औरत की मन की जबानी को शब्दों में ढालने की चेष्टा करता हैं मन की पीर, मस्तिष्क की हर उथल पुथल को कागज़ी जामा पहनाने की कोशिश भी करता हैं ।। पर वो, जायज़ या उचित..

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       26-06-2022

सोच बदलिए

हमारे जीवन में सोच का बड़ा महत्व है।कहा भी जाता है कि हम जैसा सोचते हैं, परिणाम भी लगभग वैसा ही मिलता है। उदाहरण के लिए एक विद्यार्थी बहुत मेहनत करता है, लेकिन परिणाम के प्रति उहापोह लिए नकारात्मक भावों में ही उलझा रहता है, तो यकीनन परिणाम भी निराश...

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       16-05-2022

कबाड़ी वाली दादी

कबाड़ी वाली दादी हमारे दुकान के सामने रोज़ आती जहाँ मैं व मेरे गाँव के तीन दोस्त जॉब करते हैं,पंडित जी,पप्पू भैया, और प्रमोद एक दिन हमने उनसे पूछा आप बुजुर्ग हो गई हो आपको तो घर पर रहना चाहिये, तब उन्होंने बताया कि हमारे बेटा नहीं है, एक बेटी है जिसका...

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