चाय की चुसकियाँ
दिन की शुरुआत होती है, चाय की चुसकियों से | शरीर में ताजगी भर जाती है, चाय की चुसकियों से | सिर का दर्द ठिक होता है, चाय की चुसकियों से | तनाव दूर होता है, चाय की चुसकियों से गुस्सा ठंडा हो जाता है, चाय की चुसकियों से दिमाग़ हल्का...
Read More... सच बोलना है!
पिला दे जाम ऐ साकी,के आज ना मैंने डोलना है, बेखौफ हो जाऊं इस कदर,के आज मैंने सच बोलना है! राज़ छुपे हैं,नासूर बन के,दिल की गहराई में जो, दिल के भेदों को..आज,परत दर परत खोलना है! लगी है तोहमत,के वफ़ा के काबिल नहीं हूं मैं.. इश्क़ के तराजू में सा..
Read Moreलघुकथा-वो डरावना बंगला
किराये पर घर नही मिल रहा है सारे पैसे ट्रेन मे चोरी हो गये भूख भी लगी है जेब मे एक फूटी कौड़ी भी नही है। पास में ही सुनसान स्टेशन था बिना देरी किये मैं वहां से भाग खड़ा हुआ। कितने अरमान से गाँव से शहर आया था मेहनत से काम करूँगा और खूब पैसा कमाउगा प..
Read Moreबे फ़िज़ूल गुरुर..
कुछ दिनों से गुरुर सा हो गया है, ज़मीर,अभिमान में मग़रूर सा हो गया है! अभी तो पहले पायदान पर रखा है कदम.. आखिरी पायदान के..सुरूर में खो गया है! बेहतर हूं मैं..सानी नहीं मेरा कोई.. दिमाग़ में ना जाने कैसे,फितूर छा गया है! मिल जाए मुझे,हर पग पर
Read Moreबंद हुए कल कारखाने एवं सरकारी कार्यक्रमों से प्रेरक सीख
किसी भी राष्ट्र के सम्पूर्ण तरक्की, उन्नति में उधोग नीति का महत्वपूर्ण स्थान है। औधोगिक कल कारखाने एक ओर जहां हज़ारों प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया कराते है वहीं दूसरी ओर देश के अर्थव्यवस्था मजबूतीकरण में अहम भूमिका निभाते हैं। एशिया के बड़े उधोगों...
Read Moreबाल कहानी-अंकित
अंकित कक्षा आठ में पढ़ता था। अंकित पढ़ने में बहुत अच्छा था, परंतु विद्यालय कभी-कभी ही जाता है। इसका कारण यह है कि वह अक्सर अपनी नानी के यहाँ चला जाता था। नानी का घर भी पास के गाँव में ही था, पर फिर भी अंकित जब भी नानी के यहाँ रुकता था तो विद्यालय नहीं जा...
Read Moreप्रेम की बरसात
सावन के सुहाने मौसम में दो प्रेमी कैसा अनुभव करते है; इन्हीं भावों को बतलाती यह रचना ऋतु वर्णन व प्रेम की अनुभूतियों को भावात्मक रूप से प्रस्तुत करती है। झूम के आया सावन, प्रेममय मन मौज में गाने लगा। प्रेम की बरसात में रंग गया तन-बदन सतरंगी रंग...
Read Moreबच्चो के दिल में छेद का निःशुल्क इलाज
अगर आपके घर में कोई छोटे बच्चे को दिल में छेद है तो सबसे पहले आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या सदर अस्पताल में जाएं और वहां पर उसे दिखाएं उसके बाद वहां से पटना के इंदिरा गांधी अस्पताल या पटना एम्स में रेफर करा लें यहां आकर जांच करवा ले जांच के बाद जो...
Read Moreबाल कहानी- बाल विवाह
एक प्यारा सा गाँव था। उस गाँव में एक किसान रहता था। उसकी दो बेटियाँ थी- मुन्नी और तन्नी। दोनों बेटियाँ घर के पास ही प्राइमरी विद्यालय में पढ़ती थीं। मुन्नी कक्षा 5 और तन्नी कक्षा 4 मे थी। मुन्नी और तन्नी हमेशा समय से साथ-साथ विद्यालय जाती थी। दोनों पढ़ने..
Read Moreबाल श्रम ही सहारा है..
इस छोटी सी उम्र में,काम क्यों करते हो.. खेलकूद को छोड़कर,मजदूरी क्यों करते हो! उन बच्चों की भांति,क्या खेल नहीं सुहाते.. उनकी तरह तुम भी..स्कूल क्यों नहीं जाते?! फीकी सी मुस्कान के साथ वो बोला.. मैंने पापा के आंसुओं को, ब...
Read Moreकड़क नोटों की अजब कहानी
हर चमक फीकी इन कड़कते नोटों के सामने जैसे, पड़ गई हो कुहासा की धुंध हर रिश्ते के आगे ईमान,बनता हैं दागी होता मन बेमानी ढेर करिजमें से भरी हैं साहब ये, अजब नोटों की कहानी भ्रष्टाचार की नींव रखता मन को भी भीतर से खोखला सा करता दिन का चैन औ..
Read Moreबाल कहानी-बगीचा
रोज सुबह-सुबह पानी देता था। उसका प्रतिदिन का यही काम था। एक दिन करन ने पौधों को पानी नहीं दिया। सोचा, एक दिन अगर पेड़-पौधो को पानी नही दिया तो कुछ नहीं होगा। रोज ही तो देता हूँ। यह सोच कर वह आराम से बैठ कर खेलने में व्यस्त हो गया। कुछ समय बाद करन की अम..
Read Moreसेठ का पत्र…..
एक क़स्बे में एक धनाढ्य सेठ रहते थे जिनका अपनी पंसारी की दुकान थी. सेठ जी की उम्र क़रीब ३५ साल की थी.एक दिन दोपहरी में एक गरीब महिला अपने १० साल के बेटे के साथ सेठ जी की दुकान पर सेठ जी से कहने लगी मेरे पास खाने को कुछ भी नहीं हैं. हमें कुछ पैसे दे दो जिस से हम अपना पेट भर सके, सेठ जी महिला से बोले देखो तुम हमारे यहाँ रह सकती हो, तुम्हारे बेटे का क्या नाम हैं . गरी
Read Moreबाल कहानी- रोहित
रोहित अपने पिताजी से कहता है कि,"पिताजी मेरा मन बिस्किट खाने का है, आप मुझे पैसे दे दीजिए। मैं अपने लिए और छोटी बहन के लिए बिस्किट लाना चाहता हूँ।" रोहित के पिताजी ने रोहित को दस रुपये दिये और कहा कि,"दो पैकेट बिस्किट ले आओ। एक तुम ले लेना। एक अपनी..
Read Moreपर्दा उठाओ..रूख से!
पर्दा ना करो अपने रुख पे हिज़ाब का, हटा दो ये पहरा,रेशमी नकाब का... जलवा दिखाओ सनम,अपने शबाब का, दीदार हो जाने दो,दमकते मेहताब का। मरहबा,तेरी ये... मतवाली चाल, झुकी पलकें ... कर गई कमाल, हाल - ए - दिल हो... गया बेहाल, तेरी झलक पाने का है...
Read Moreजटिल हो गई है जिंदगी!
बड़ी जटिल हो गई है जिंदगी, ख्वाबों में सिमट गए हैं अरमान, जरूरतें पूरी करते-करते,जीवन की, पिस कर रह गया है,हर इंसान..। बचपन के संजोए हुए वो सपने, आसमान को छूने की वो हसरतें, जद्दोजहद में,ना जाने कहां खो गए, जाने कब...जुदा हो गए,वो रास्ते.!
Read Moreचंदृबरदाई को पढ़ लेना......
रचनाकार क्या होता है...हम जो one mane army काॅसेप्ट कहते है उसे परम आदरणीय चन्दृबरदाई जी नें कर के दिखाया है ..कवि मित्रों... कोरा कागज क्या व्यक्त करता है, लेखनी ही इतिहास लिखती है । बीरता और वेदना अभिव्यक्त कर.. सत्ता ओर शाशन से लड़ती है ।। कलम...
Read Moreबाल कहानी चिड़िया और चीटियां
एक प्यारा सा जंगल था। उस जंगल में कई तरह के हरे-भरे पेड़ लगे थे। रंग-बिरंगे फूल जंगल की शोभा बढ़ाते थे। फल वाले पेड़ भी बहुत सारे थे। कई जानवर फल भी बहुत चाव से खाते थे। उस जंगल में एक तालाब भी था। सभी जानवर उसी जंगल में पानी पीते थे। तालाब के पास एक बड़ा
Read Moreसफलता चूमेगी कदम
जीवन के शिखर बिंदु तक पहुंचने के लिए त्याग,तपस्या और कठिन श्रम की आवश्यकता पड़ती हैं ।। बिना इनके,बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता हैं निरंतर प्रगति के लिए,जरूरी हैं ।। ईमानदारी,सत्यता और कर्मठता से कर्म किए जाएं जीवन पथ पर तभी,उज्ज्वल भवि..
Read Moreजुनूने इश्क़
पढ़ता हूं रोज़ जिसको वो, मीठी सी नज़्म हो तुम ।। बिन,बुलाए चले आते हो यादों में सताने,ऐसे ख़्वाब से हो तुम ।। मेरी दिल की नगरी को जो, कर जाएं रोशन वो,महताब हो तुम ।। जब,भी सुकून गर खोजूं फिजा के रंगों में ऐसे,घटा में उतरते आफताब हो तुम...
Read Moreपतझड़ आने वाला है..
जब,उजालों की रोशनी में, सब धुंधला सा दिखने लगे, जब,सोच की कलम..दिल पे, बीती बातों को लिखने लगे.. जब...उमरों का काफिंला, यादों में सिमटने लगे.... जब.. हड्डियों का ये जिस्म, चरमरा कर... चटकने लगे, बुलंद.. हौसलों का...
Read Moreउठ जाग मुसाफिर भोर भई
नव ऊर्जा का संचार हेतु प्रेरक कविता ऐसा भी क्या था कि आप तो सबको हंसाते गुदगुदाते लोटपोट करते करते खुद मौन हो गए, जैसे हमारी परीक्षा लेने के लिए इतने दिनों तक मौन होकर बिस्तर पर एकदम खामोश हो जम से गये। माना हमारी कोई बात तुम्हें चुभ गई या हमारे...
Read More




.jpeg)



.jpg)







.jpg)







.jpeg)